खाटू की गलियां रहती सदा गुलज़ार है
खाटू की गलियां रहती सदा गुलज़ार है
इनमे लीले चढ़ घूमे लखदातार है
इन गलियों में बस्ता एक नया संसार है
हाँ संसार है ......
खाटू की गलियां .......
इन गलियों में श्याम बसेरा है जगह जगह पर कीर्तन
इक बार जो आता है तो संवर जाये है जीवन
सत्य है इसमें न कोई विचार है
हाँ विचार है ......
खाटू की गलियां .......
जब श्याम के प्रेमी मिलते और जय श्री श्याम हैं कहते
रोम रोम खिल जाता हैं दोनों के चेहरे खिलते
ये प्रेम ही मेरे बाबा को स्वीकार है
हाँ स्वीकार है......
खाटू की गलियां .......
कशी के भोले भी हैं है मथुरा वाला कन्हैया
सालासर के बजरंगी जो पार करें हर नैया
इसीलिए तो रहती सदा बहार है
हाँ बहार है.......
खाटू की गलियां .......
भारत की पावन भूमि है राजस्थान की माटी
भाईचारे का रिश्ता है यही की ये परिपाटी
बिछड़े हुए मिलते यहाँ परिवार हैं
हाँ परिवार हैं .......
खाटू की गलियां ........
श्याम कृपा उसे मिलती जो इन गलियों में आया
गोपाल कहे बड़भागी वो श्याम शरण है पाया
ये गलियां ही तो ले जाती हमें दरबार हैं
हाँ दरबार हैं ......
खाटू की गलियां ......
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
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