खाटू की गलियों में मन खो जाता है
खाटू की गलियों में मन खो जाता है,
तुझसे नजर हटे ना मेरी मन में आता है,
नजरो से तू कैसा जादू चलता है,
तुझसे नजर हटे ना मेरी मन में आता है,
जितना है प्यारा कितना सलोना तेरा जैसा तो दूजा न होना,
देखा तुझे तो पागल हुआ मैं,नजरे मिली तो घ्याल हुआ मैं
लुट जाता है दिल तू जब मुस्काता है,
तुझसे नजर हटे ना मेरी मन में आता है,
तुझसे दो बाते करनी मैं चाहू,दिल सूद हो जाता कुछ कह न पाऊ,
दिल में आता तुझको ले आऊ,
घर पर बिठा कर सुख दुःख सुनाऊ,
मानले बात मेरी क्यों तडपता है,
तुझसे नजर हटे ना मेरी मन में आता है,
दीपक दीवाना जब से हुआ है तेरे लिए ही पल पल जिया है,
भगतो को भी है तेरी खुमारी,जो कहली तुझसे एह बलहारी,
शुकर तेरा तू हम को खाटू बुलाता है,
तुझसे नजर हटे ना मेरी मन में आता है,
श्रेणी : खाटु श्याम भजन
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