बजरंग के आते आते
बजरंग के आते आते कही भोर हो न जाये रे,
ये राम सोचते हैं, श्री राम सोचते हैं........
क्या भोर होते होते बजरंग आ सकेंगे,
लक्ष्मण को नया जीवन फिर से दिला सकेंगे
कही सास की ये डोरी कमजोर हो न जाये रे,
ये राम सोचते हैं, श्री राम सोचते हैं.......
कैसे कहूँगा जा के मारा गया है लक्ष्मण,
तज देगी प्राण सुन के माता सुमित्रा फ़ौरन
कहीं यह कलंक मुझसे इक और हो ना जाए रे,
ये राम सोचते हैं, श्री राम सोचते हैं......
लक्ष्मण बिना है टूटा यह दांया हाथ मेरा,
कुछ सूझता नहीं है चारो तरफ अँधेरा
लंका में कहीं घर घर ये शोर हो ना जाये रे
ये राम सोचते हैं, श्री राम सोचते हैं......
वर्ना अटल है 'शर्मा' मेरी बात ना टलेगी,
लक्ष्मण के साथ मेरी 'लख्खा' चिता जलेगी
मैं सोचता तो कुछ हूँ, कुछ और हो न जाये रे,
ये राम सोचते हैं, श्री राम सोचते है............
बजरंग के आते आते कही भोर हो न जाये रे,
ये राम सोचते हैं, श्री राम सोचते हैं......
श्रेणी : हनुमान भजन
बजरंग के आते आते लिरिक्स Bajrang Ke Aate Aate Bhajan Lyrics, Hanuman Bhajan, Salasar Balaji Bhajan, by Lakhbir Singh Lakkha Ji
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