खाटू श्यामकुंड जी मंदिर का इतिहास History of Khatu Shyam Ji Temple In Hindi
यहाँ हमने खाटू श्याम जी की जीवनी या उनकी जीवन कथा को तो जान लिया लेकिन अब एक यह प्रश्न और बचता है की खाटू श्यामकुंड जी के मंदिर की उत्त्पत्ति कलयुग में केसे हुई या फिर खाटू श्यामकुंड जी के मंदिर का निर्माण किसने करवाया। यदि आप भी इसे बारे में सोच रहे है तो हम आपको बता दे जयपुर के सीकर जिले में स्थित प्रसिद्ध खाटू श्याम जी का मंदिर का निर्माण खाटू गांव के शासक राजा रूपसिंह चौहान और उनकी पत्नी नर्मदा कंवर द्वारा सन् 1027 में करवाया गया था। पौराणिक कथा के अनुसार एक बार राजा रूपसिंह को सपना आया, जिसमें उन्हें खाटू के कुंड में श्याम का सिर मिलने के बाद उनका मंदिर बनवाने के लिए कहा गया था। तब राजा रूपसिंह ने खाटू गांव में खाटू श्याम जी के नाम से मंदिर का निर्माण करवाया। जबकि 1720 में एक मशहूर दीवान अभयसिंह ने इसका पुर्ननिर्माण कराया।खाटू श्याम जी का श्यामकुंड Khatu Shyam Kund In Hindi
खाटू श्याम जी के मंदिर के पास पवित्र तालाब है जिसका नाम है श्यामकुंड। माना जाता है कि इस कुंड में नहाने से मनुष्य के सभी रोग ठीक हो जाते हैं और व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है इसीलिए प्र्तिबर्ष लाखो श्रद्धालु इस पवित्र कुंड में स्नान करते है, खासतौर से वार्षिक फाल्गुन मेले के दौरान यहां डुबकी लगाने की बहुत मान्यता है।
खाटू श्यामकुंड का इतिहास Khatu Shyam Kund History In Hindi
प्राचीन प्रचलित कथायों के अनुसार माना जाता है खाटू श्यामकुंड का निर्माण या उत्पत्ति खुदाई के दौरान हुई थी। जी हाँ एक बार की बात है लगभग 1100 ईस्वी के आसपास रूपसिंह चौहान की पत्नी नर्मदा कंवर को एक स्वप्न आया था जिसमे उन्हें जमीन के अन्दर गड़ी एक मूर्ति दिखाई दी थी जिसके बाद उस स्थान की खुदाई की गयी थी जिससे वास्तव में खाटू श्याम जी के सिर को निकाला गया था। उसी खुदाई से एक कुंड का निर्माण हुआ था जिसे खाटू श्यामकुंड के नाम से जाना जाता है।