मैं राधा तू श्याम सवारियां
सांझ सवेरे अधरों पे मेरे बस तू राह न,
मैं राधा तू श्याम सवारियां,
तू राधा वो श्याम सवारियां,
गोकुल मथुरा तीर्थ सारे कितने सूंदर कितने न्यारे,
पर मैं न मानु ना मानु तेरे चरण से बड़ कर कोई भी धाम,
मैं राधा तू श्याम सवारियां,
तेरा सूंदर रूप सलोना कर गया मुझ पे जादू टोना,
बस मैं तो भूली मैं भूली सुध भुध अपनी पी कर भक्ति जाम,
मैं राधा तू श्याम सवारियां,
मैं हु भिखारन तुम हो दानी दर्शन की प्यासी रश्मी दीवानी,
अब मैं न जानू न जानू करना बिसारियां जग में कोई काम,
मैं राधा तू श्याम सवारियां,
श्रेणी : कृष्ण भजन
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