वनवासी हुए राम अपने भगत के कारण लिरिक्स Vanvasi Hue Raam Apne Bhakt Ke Karan Lyrics,Ram Bhajan
वनवासी हुए राम अपने भगत के कारण,
अपने भगत के कारण भगत के कारण,
वनवासी हुए राम....
पहला मिलन केवट से मिलन केवट से,
केवट धोए दोनों पांव अपने भगत के कारण,
वनवासी हुए राम....
दूसरा मिलन भए शबरी मिलन भए शबरी,
दर्शन दिए आए अपने भगत के कारण,
वनवासी हुए राम....
तीसरा मिलन भए जटायु मिलन भए जटायु,
पहुंचाए निजधाम अपने भगत के कारण,
वनवासी हुए राम....
चौथा मिलन भए विभीषण मिलन भए विभीषण,
बन गए बिगड़े काम अपने भगत के कारण,
वनवासी हुए राम....
पांचवा मिलन भए रावण मिलन भए रावण,
अंत पुकारा रावण राम अपने भगत के कारण,
वनवासी हुए राम....
श्रेणी : राम भजन
।। वनवासी हुए राम अपने भगत के कारण।। VANVASI HUE RAM APNE BHAKT KE KARAN
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