आरती असुर निकंदन की - aarti ashur nikandan ki aarti sangrah

आरती असुर निकंदन की



धुन- आरती कुंज बिहारी की


आरती असुर निकंदन की।
पवनसुत केशरी नंदन की ।।

1.ज्ञान के सागर हैं हनुमंत।
पड़े पद युगल उपासक संत।
कमल हिय राजै सिय-भगवंत ।।

परमप्रिय-2
परमप्रिय भक्त शिरोमणि की ।।
पवन सुत केशरी नंदन की ।।

आरती असुर निकंदन की।
पवनसुत केशरी नंदन की ।।

2.सीय-रघुवर के तुम प्यारे।
साधु-संतन के रखवारे।
असुर कुल के तुम संहारे।

परमबल-2
परम बलवान शिरोमणि की ,
पवन सुत केशरी नंदन की ।।

आरती असुर निकंदन की।
पवनसुत केशरी नंदन की ।।

बुद्धि,बल,विद्या वारिधि तुम।
बिगड़े सब काज सवारे तुम।
विभीषण के रखवारे तुम।

परम गुरु-2
परम ज्ञानी, विज्ञानी की ,
पवन सुत केशरी नंदन की ।।

आरती असुर निकंदन की।
पवनसुत केशरी नंदन की।।

4.सिया के बिगड़े संवारें तुम।
राम सेवा मतवाले तुम।
लखन के रखवाले हो तुम।

समर्पित-2
समर्पित त्यागी दानी की ,
पवन सुत केशरी नंदन की ।।

आरती असुर निकंदन की।
पवनसुत केशरी नंदन की।।

5.धनुर्धर पूजक-पूज्य हो तुम।
सखे गोविन्द के प्यारे तुम।
युद्ध में ध्वज रखवारे तुम ।

परम श्री-2
परम रक्षक बलिदानी की,
पवन सुत केशरी नंदन की ।।

आरती असुर निकंदन की।
पवन सुत केशरी नंदन की ।।

लेखक एवं गायक - डॉ गोविंद देवाचार्य जी महाराज ( पूज्य बाबा श्रील)



श्रेणी : हनुमान भजन



Aarti Asur nikandan ki , आरती असुर निकंदन की बाबा श्रील, BABA SHRIL ‪@pujyababashril‬ ‪@babashril‬

यह भजन "आरती असुर निकंदन की" श्री हनुमान जी की असीम शक्ति, भक्ति और उनके अद्वितीय रूप की महिमा का गीत है। डॉ. गोविंद देवाचार्य जी महाराज (पूज्य बाबा श्रील) द्वारा प्रस्तुत यह भजन भक्तों के दिलों में हनुमान जी के प्रति आस्था और प्रेम को गहरा करता है।

भजन के माध्यम से हनुमान जी के अतुलनीय गुणों का बखान किया गया है। “पवनसुत केशरी नंदन की” के साथ हर पंक्ति में हनुमान जी के विभूतियों का वर्णन है। उनके ज्ञान, शक्ति, और उनकी वीरता को प्रदर्शित करते हुए, इस भजन में हनुमान जी को असुरों के संहारक, राम भक्त, और साधुओं के रक्षक के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

"सिया के बिगड़े संवारें तुम, राम सेवा मतवाले तुम" जैसी पंक्तियाँ श्री हनुमान जी के राम भक्त रूप को रेखांकित करती हैं, जहाँ वह श्रीराम के प्रति अपनी निःस्वार्थ भक्ति और समर्पण का आदर्श प्रस्तुत करते हैं। हनुमान जी का हर रूप भक्तों के लिए प्रेरणा है, चाहे वह उनकी वीरता हो या उनका ज्ञान।

इस भजन में हनुमान जी के परम बलवान, परम ज्ञानी और परम रक्षक रूप को भी श्रद्धा पूर्वक उद्धृत किया गया है। उनके द्वारा किए गए असुर संहार और राम-सीता के प्रति उनकी अनन्य सेवा, इसे एक दिव्य गीत बना देती है।

अगर आप हनुमान जी की भक्ति में लीन होने का अनुभव करना चाहते हैं, तो यह भजन सुनकर आप उनके दिव्य रूप का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। यह भजन न केवल हनुमान जी की महिमा का गौरव बढ़ाता है, बल्कि उनके भक्तों को संकटों से उबारने की प्रेरणा भी देता है। 🚩💖

Harshit Jain

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