ओ मेरे भोले भंडारी
ॐ नमः शिवाय
एक बार भोले भक्तों की कांवड़ लाकर देखो,
गंगा जल में शिव लिंग लो स्नान करा कर देखो,
एक बार भोले भक्तों की कांवड़ लाकर देखो,
गंगा जल में शिव लिंग लो स्नान करा कर देखो,
भोले भर देंगे झोली हो जायेगा बेड़ा पार,
ऐसे भोले भंडारी जिनकी महिमा अपरम्पार,
जिनकी महिमा अपरम्पार,
ओ मेरे भोले भंडारी,
ओ मेरे भोले भंडारी,
ओ मेरे भोले भंडारी,
ओ मेरे भोले भंडारी।
सब देवों में देव निराले मेरे ओ गडीदानी,
एक पल में ही वर देदे है ना करते है अनाकानी,
सब देवों में देव निराले मेरे ओ गडीदानी,
एक पल में ही वर देदे है ना करते अनाकानी,
चरणों में है दुनिया इनके ये है सबके दाता,
दीन दुखी दुखियारन के है भोले भाग्य विधाता,
है भोले भाग्य विधाता,
ओ मेरे भोले भंडारी,
ओ मेरे भोले भंडारी,
ओ मेरे भोले भंडारी,
ओ मेरे भोले भंडारी।
‘रूबी नायक’ जब से भोले शरण तुम्हारे आयी,
तुमको माना अपना भोले दुनिया हुई परायी,
‘रूबी नायक’ जब से भोले शरण तुम्हारे आयी,
तुमको माना अपना भोले दुनिया हुई परायी,
एक बार भोले भक्तों की कांवड़ लाकर देखो,
गंगा जल में शिव लिंग लो स्नान करा कर देखो,
स्नान करा कर देखो,
ओ मेरे भोले भंडारी,
ओ मेरे भोले भंडारी,
ओ मेरे भोले भंडारी,
ओ मेरे भोले भंडारी।
श्रेणी : शिव भजन
सावन सोमवार भक्ति | Mere Bhole Bhandari | Shravan Somwar Shivji Bhajan | Ruby Nayak | Shiv Ke Bhajan
"ओ मेरे भोले भंडारी" एक श्रद्धापूर्ण और भक्तिमय शिव भजन है, जो भगवान शिव की अनगिनत महिमा को प्रस्तुत करता है। इस भजन में भगवान शिव की कृपा, उनके सहज स्वभाव और भक्तों के प्रति उनकी अपार दया का वर्णन किया गया है।
यह भजन विशेष रूप से सावन माह में शिव भक्तों द्वारा गाया जाता है, क्योंकि सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। भजन में भोलेनाथ की महिमा का गान करते हुए यह कहा गया है कि भगवान शिव किसी भी भक्त की झोली को खाली नहीं लौटाते, वे सभी की दुआएं पूरी करते हैं और हर भक्त का बेड़ा पार कर देते हैं। इसमें भक्तों को यह संदेश दिया जाता है कि एक बार अगर शिवलिंग पर गंगा जल से स्नान कराया जाए तो सब कष्ट दूर हो जाते हैं।
भजन में भगवान शिव को "सब देवों में देव" और "भाग्य विधाता" कहा गया है, जो यह दर्शाता है कि वे न केवल संसार के पालनहार हैं, बल्कि दीन-दुखियों के उद्धारक भी हैं। भजन के अंत में "रूबी नायक" ने भोलेनाथ की शरण में आने के बाद दुनिया को पराया माना और भगवान शिव को अपना सर्वोत्तम देवता माना।
इस भजन का संगीत और शब्द भक्तों के दिलों में एक गहरी श्रद्धा और भक्ति उत्पन्न करता है। यह भजन भगवान शिव की उपासना और उनके प्रति भक्ति को और भी प्रगाढ़ करता है, खासकर सावन के महीने में जब लोग शिव मंदिरों में शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं।