श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मैं
नहीं चलाओ बाण व्यंग के ऐह विभीषण
ताना ना सेह पाऊं, क्यों तोड़ी है यह माला,
तुझे ए लंकापति बतलाऊं
मुझ में भी है तुझ में भी है, सब में है समझाऊं
ऐ लंका पति विभीषण ले देख मैं तुझ को आज दिखाऊं
- जय श्री राम -
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे मन के नागिनें में ।
मुझ को कीर्ति न वैभव न यश चाहिए,
राम के नाम का मुझ को रस चाहिए ।
सुख मिले ऐसे अमृत को पीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥
अनमोल कोई भी चीज मेरे काम की नहीं
दिखती अगर उसमे छवि सिया राम की नहीं
राम रसिया हूँ मैं, राम सुमिरन करू,
सिया राम का सदा ही मै चिंतन करू ।
सच्चा आंनंद है ऐसे जीने में श्री राम,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥
फाड़ सीना हैं सब को यह दिखला दिया,
भक्ति में हैं मस्ती बेधड़क दिखला दिया ।
कोई मस्ती ना सागर मीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥
श्रेणी : रानीसती दादी भजन
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मैं लिरिक्स Shri Ram Janki Bethe Hai Mere Seene Mai Lyrics Ram Ji Bhajan
यह गाना "श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में" लखबीर सिंह लखा द्वारा गाया गया है। इसमें संगीत विक्की प्रसाद और कल्याणजी-आनंदजी ने दिया है, जबकि इसके बोल संजय ढूपा मिश्रा ने लिखे हैं। यह गाना एक अद्भुत धार्मिक भावनाओं और भक्ति से भरपूर है, जिसमें राम और जानकी के प्रति गायक की गहरी श्रद्धा और भक्ति का समावेश है। यह गाना श्रोताओं को अध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रेरित करता है।
इसकी धुन को हरी भूसल ने डिजाइन किया है, जो संगीत को और भी आकर्षक बनाता है। इसका संगीत प्रोडक्शन, मिक्सिंग और मास्टरिंग @JBM स्टूडियो में किया गया है। गाने में राम और जानकी के प्रति श्रद्धा और विश्वास को खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया है, जो श्रोताओं को एक सुकून देने वाली अनुभूति देता है।
अगर आप इस गाने को सुनने के बाद इसका असर महसूस करना चाहते हैं, तो आप इसे अपने पसंदीदा प्लेटफॉर्म पर आसानी से खोज सकते हैं। यह गाना न केवल आपको भावनात्मक रूप से जोड़ता है, बल्कि इसे सुनकर आपकी दिनचर्या में भी एक सकारात्मक बदलाव ला सकता है।