हमारो माधव मदन मुरारी लिरिक्स Hamaro Madhav Madan Murari Lyrics, Krishna Bhajan
हमारो माधव मदन मुरारी।
हमारो माधव मदन मुरारी।
कुन्ज गलिन में रास रचाबे।
चक्र सुदर्शनधारी।
हमारो माधव मदन मुरारी।।
लूट लूट दधी माखन खाबे।
ग्वाल वाल संग गाय चराबे।
कभी कदम पर बैठ कन्हैया।
बंशी पर धुन मधुर बजाबे।।
तीन लोक सब सुध बुध बिसरे
सुनकर तान तुम्हारी।।
हमारो माधव मदन मुरारी।
हमारो माधव मैदान मुरारी।।
कुन्ज गलिन में रास राचाबे।
ग्वाल सखा संग गाय चराबे।
कभी कालिया मर्दन करता ।
कभी उंगली गोवर्धन धरता।
कभी पूतना को संघारे
कभी बजावत सारी ।।
हमारो माधव मदन मुरारी।
हमारो माधव मदन मुरारी।।
पनघट पर कभी मटकी फोड़े।
कभी अभिमान कंस का तोड़े।
कभी अर्जुन के रथ को हाँके।
कभी बिदुर घर भोग लगाबे।
कभी गीता का ज्ञान सुनाता।
"राजेन्द्र" कृष्ण मुरारी।।
हमारो माधव मदन मुरारी।
हमारो माधव मदन मुरारी।
श्रेणी : कृष्ण भजन
हमारो माधव मदन मुरारी लिरिक्स Hamaro Madhav Madan Murari Lyrics, Krishna Bhajan Lyrics by Rajendra Pratap Soni Ji
Note :- वेबसाइट को और बेहतर बनाने हेतु अपने कीमती सुझाव नीचे कॉमेंट बॉक्स में लिखें व इस ज्ञानवर्धक ख़जाने को अपनें मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें।