श्याम तेरी मूर्ति को फूलों से सजाया है
श्याम तेरी मूर्ति को फूलों से सजाया है,
आजा खाटू वाले तुझको,
दास ने बुलाया है,
श्याम तेरी मूर्ति को फूलों से सजाया है ।।
चरणों में बैठ तेरे ज्योत ये जगाई हैं,
राहों में तेरी बाबा पलकें बिछाई हैं,
श्रद्धा और भाव का ये आसन सजाया हैं,
आजा खाटू वाले तुझको,
दास ने बुलाया है ।।
ना ही सोना चाँदी ना ही मोतियों के हार हैं,
आँखों में आँसू और लबों पे पुकार है,
दुखों का ये सागर मेरे दिल में समाया है,
आजा खाटू वाले तुझको,
दास ने बुलाया है ।।
तेरे आगे बैठ बाबा दुखड़े सुनाएँगे,
आप भी रोएंगे संग तुझको रुलाएँगे,
मुझको हंसाओ जैसे जाग को हंसाया है,
आजा खाटू वाले तुझको,
दास ने बुलाया है ।।
दर दर पे ठोकर खाई दुनिया ने मारा है,
इक तेरी आस तू ही हारे का सहारा है,
मज़बूत ' मुखिया ' मेरा ' मीतू ' ने गाया है,
आजा खाटू वाले तुझको,
दास ने बुलाया है ।।
श्याम तेरी मूर्ति को फूलों से सजाया है,
आजा खाटू वाले तुझको,
दास ने बुलाया है,
श्याम तेरी मूर्ति को फूलों से सजाया है ।
श्रेणी : खाटु श्याम भजन
श्याम तेरी मूर्ति को फूलों से सजाया है // श्याम बाबा भजन // अमित कालरा "मीतू "
खाटू श्याम के भजन भक्तों के हृदय में अटूट आस्था जगाते हैं। "श्याम तेरी मूर्ति को फूलों से सजाया है" एक ऐसा भजन है जो खाटू वाले बाबा श्याम की महिमा का वर्णन करता है। इस भजन में भक्त की गहरी श्रद्धा और समर्पण दिखाई देता है। भक्त अपनी भावनाओं के माध्यम से श्याम बाबा को बुला रहे हैं, और उनकी पूजा अर्चना से जुड़े प्रेम और विश्वास को व्यक्त कर रहे हैं। हर पंक्ति में समर्पण की झलक मिलती है — चाहे चरणों में ज्योत जलाना हो या बाबा की राहों में पलकें बिछाना।
यह भजन न केवल दुःखों को हरने का आह्वान करता है, बल्कि बाबा श्याम के प्रति अटूट आस और सहारे का प्रतीक भी है। जब जीवन की कठिन राहों में कोई साथ नहीं देता, तब बाबा श्याम का नाम ही संबल बनता है। खाटू श्याम की भक्ति में लीन होकर गाए गए ये शब्द हर भक्त के हृदय को छू लेते हैं और उन्हें सांत्वना और आशा से भर देते हैं।