गंगा मैया धीरे बहो
मेरी नैया में लक्ष्मण राम गंगा मैया धीरे बहो,
धीरे बहो गंगा धीरे बहो,
नैया में लक्ष्मण राम गंगा मैया धीरे बहो....
लहरों में उठे हिलोर गंगा मैया धीरे बहो,
कौन की है गंगा कौन की है नैया,
कौन के है लक्ष्मण राम गंगा मैया धीरे बहो,
मेरी नैया में लक्ष्मण राम....
भागीरथ की गंगा केवट की है नैया,
दशरथ के लक्ष्मण राम गंगा मैया धीरे बहो,
धीरे बहो गंगा धीरे बहो,
मेरी नैया में लक्ष्मण राम....
काहे आई गंगा काहे आई नैया,
काहे आये लक्ष्मण राम गंगा मैया धीरे बहो,
धीरे बहो गंगा धीरे बहो,
मेरी नैया में लक्ष्मण राम....
पाप हरे गंगा पार करे नैया,
भक्तनहित लक्ष्मण राम गंगा मैया धीरे बहो,
मेरी नैया में लक्ष्मण राम गंगा मैया धीरे बहो.....
श्रेणी : राम भजन
।। मेरी नैया में लक्ष्मण राम गंगा मैया धीरे बहो। MERI NAIYA ME LAKSHMAN RAM GANGA MAIYA DHEERE BAHO।
"मेरी नैया में लक्ष्मण राम गंगा मैया धीरे बहो" एक सुंदर भजन है जो राम और गंगा माता की महिमा का गुणगान करता है। इस भजन में गंगा की पवित्रता और लक्ष्मण राम की कृपा का वर्णन है। गीत में यह बताया गया है कि गंगा की लहरों में धीरे-धीरे बहते हुए, भक्त अपनी नैया को पार कर सकते हैं। भागीरथ की तपस्या और केवट की मदद का भी उल्लेख किया गया है, जो इस भजन को और भी आकर्षक बनाता है। गंगा माता की दया और भक्ति के साथ, यह भजन भक्तों के दिलों में श्रद्धा और भक्ति का संचार करता है। राम और लक्ष्मण के साथ गंगा की महिमा का यह भजन भक्तों को आत्मिक शांति और सुकून देता है।
यह भजन विशेष रूप से राम भक्तों के लिए एक श्रद्धा की अभिव्यक्ति है।