रुनक झुनक पग नैवर बाजे
रुनक झुनक पग नेवर बाजे,
गजानंद नाचे,
गजानंद नाचे री,
रुनक झुनक पग नैवर बाजे,
गजानंद नाचे....
मूषक वाहन सूंड सुंडाला,
एक दन्त साजे,
गल पुष्पन की माल विराजे,
एक दन्त साजे,
रुनक झुनक पग नैवर बाजे,
गजानंद नाचे.....
पिता तुम्हारा है शिव शंकर,
नंदेश्वर साजे,
मात तुम्हारी है गिरजा,
सिंह चढ़ी गाजे,
रुनक झुनक पग नैवर बाजे,
गजानंद नाचे....
विघ्न निवारण मंगल करण,
राजन पति साजे,
तुलसीदास गणपति ने सुमिरे,
सुमिरया दुःख हटे,
रुनक झुनक पग नैवर बाजे,
गजानंद नाचे.....
श्रेणी : गणेश भजन
रुनक झुनक पग नेवर बाजे, गजानंद नाचे री। इस मधुर लय में नाचते गजानंद की छटा अद्भुत होती है। मूषक वाहन पर सवार, सूंड सुंडाला और एक दन्त साजे के साथ, उनकी भक्ति को दर्शाता है। गज पुष्पों की माल से सजी उनकी छवि मन को मोह लेने वाली है।
पिता के रूप में शिव शंकर और माता के रूप में गिरजा का होना, इस भक्ति में गहराई जोड़ता है। सिंह चढ़ी गाजे के साथ नृत्य उनकी शक्ति और दिव्यता को प्रकट करता है। विघ्न निवारण और मंगल करण की कामना में, तुलसीदास गणपति की स्मृति में दुःखों का निवारण होता है।
इस प्रकार, यह भक्ति गीत हमें आध्यात्मिक शांति और आस्था की ओर ले जाता है, जहां हर लय और शब्द में भगवान की उपासना और प्रेम झलकता है।