रामायण में सुन आई
सीता कितनी सुंदर नार रामायण में सुन आई,
रामायण में सुन आई, रामायण में सुन आई,
सीता कितनी सुंदर नार रामायण में सुन आई.....
बन बन में लिखा है अंबे पत्तो पर लिखा जगदंबे,
अरे फूलों पर लिखा हरि नाम रामायण में सुन आई,
सीता कितनी सुंदर नार रामायण में सुन आई.....
गंगा में लिखा है अंबे जमुना में लिखा जगदंबे,
अरे सरयू में लिखा हरि नाम रामायण में सुन आई,
सीता कितनी सुंदर नार रामायण में सुन आई.....
गगरी पर लिखा है अंबे रस्सी पर दिखा जगदंबे,
अरे कलसा पै लिखा हरि नाम रामायण में सुन आई,
सीता कितनी सुंदर नार रामायण में सुन आई.....
पहाड़ों पर लिखा है अंबे पत्थर पर लिखा जगदंबे,
अरे ईंटों पे लिखा हरी नाम रामायण में सुन आई,
सीता कितनी सुंदर नार रामायण में सुन आई.....
मंदिर में लिखा है अंबे मूरत में लिखा जगदंबे,
अरे ज्योति ने लिखा हरि नाम रामायण में सुन आई,
सीता कितनी सुंदर नार रामायण में सुन आई.....
सत्संग में लिखा है अंबे भक्ति में लिखा जगदंबे,
अरे हर दिल पर हरि का नाम रामायण में सुन आई,
सीता कितनी सुंदर नार रामायण में सुन आई.....
श्रेणी : राम भजन
रामायण में सीता की सुंदरता और दिव्यता का गान अनंत है। उनका स्वरूप न केवल शब्दों में, बल्कि प्रकृति की हर चीज़ में उकेरा गया है। बन के पत्तों पर, फूलों पर, और गंगा-जमुना की लहरों पर, हर जगह देवी अंबे और जगदंबे का आशीर्वाद लिखा हुआ मिलता है।
सादगी और पवित्रता की मिसाल सीता माता का नाम मंदिर की मूर्तियों में, जल की गहराइयों में, और पहाड़ों की ऊँचाइयों पर लिखा हुआ प्रतीत होता है। ईंट-पत्थर से लेकर रस्सी और कलश तक, हर वस्तु में हरि नाम और रामायण की गूँज सुनाई देती है।
सत्संग की भक्ति में और हर भक्त के दिल में भी, देवी सीता का सौंदर्य और रामायण की महिमा अनंत रूप में प्रकट होती है। यही दिव्यता पूरे संसार को सत्य, भक्ति और प्रेम से जोड़ती है।