तेरी नौ दिन ज्योत जगाई माँ
तेरी नौ दिन ज्योत जगाई माँ दसवे दिन होवै विदाई माँ......
नौ दिन तक म्हारे रंग चा लागया,
दसवा दिन यो विदाई का आ गया,
तनै क्यू कर करा पराई माँ दसवे दिन होवै विदाई माँ,
तेरी नौ दिन ज्योत जगाई माँ दसवे दिन होवै विदाई माँ.......
बरत करे तेरे कीर्तन गाये,
मन मैं फुले नही समाये,
तेरी चौके खूब सजाई माँ दसवे दिन होवै विदाई माँ,
तेरी नौ दिन ज्योत जगाई माँ दसवे दिन होवै विदाई माँ.......
सुबह सुबह तेरी करी आरती,
तू भगता नै पार तारती,
तनै सबकी करी सहाई माँ दसवे दिन होवै विदाई माँ,
तेरी नौ दिन ज्योत जगाई माँ दसवे दिन होवै विदाई माँ.......
महेंद्र भट्टी पालकी सजाली,
होवै विसर्जंन मैया चाली,
तेरी सबनै करी कढाई माँ दसवे दिन होवै विदाई माँ,
तेरी नौ दिन ज्योत जगाई माँ दसवे दिन होवै विदाई माँ.......
श्रेणी : दुर्गा भजन
नवरात्रि भजन▹तेरी नौ दिन ज्योत जगाई माँ दसमे दिन होवै विदाई माँ |Mata Navratri Song |Navratri Bhajan
नवरात्रि का पर्व श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। इस दौरान माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। भक्ति में लीन होकर, भक्त माँ के हर रूप का पूजन करते हैं। इस भजन में माँ की महिमा का वर्णन है, जिसमें उनके नौ दिन के प्रवास को और दसवे दिन उनकी विदाई को गाया गया है। भजन में माँ के प्रति अपार श्रद्धा और आभार व्यक्त किया गया है, जो भक्तों के दिलों में उनकी उपस्थिति को महसूस कराता है।
इस भजन के बोल “तेरी नौ दिन ज्योत जगाई माँ दसवे दिन होवै विदाई माँ” श्रद्धा, आस्था और भक्ति के साथ माँ के प्रति प्रेम को दर्शाते हैं। माँ के प्रति भक्तों का समर्पण इस भजन के हर शब्द में झलकता है।
नवरात्रि की रौनक इस भजन के माध्यम से और भी बढ़ जाती है, जिससे भक्त माँ दुर्गा के चरणों में अपने भावनाओं का समर्पण कर सकें।