हुन आके मेह्रावालिये मेहरा दे छीते मरदे लिरिक्स Hun Aake Mehra Waliye Mehra De Chatte Lyrics
हुन आके मेह्रावालिये मेहरा दे छीते मरदे॥
असी दर तेरे ते आन खलोते सादे बिगड़े कम सवार दे,
आके मेह्रावालिये मेहरा दे छीते मरदे......
ना गुरु ज्ञान ना ध्यान लगाया पंजा ढगा मेनू घेरा पाया॥
मेनू मण दे मनके फेरा ना दिंदे ॥,मेरे कोल खड़े लालकरदे,
हुन आके मेह्रावालिये मेहरा दे छीते मरदे......
मेरे मण दिया कलियाँ डाली डाली, सदहरा भरिया पकिया ना हाली,॥
तेरी भेंटा लेके खड़े सवाली,मुखो तेरा नाम विचार दे,
आके मेह्रावालिये मेहरा दे छीते मरदे......
रोम रोम विच करो माँ वाससा,इस ज़िन्दगी दा की पर्वासा॥,
मै स्वास स्वास गुण गवा तेरे,मेरे ऑगन मनो विसर दयो,
आके मेह्रावालिये मेहरा दे छीते मरदे......
जो जन्न तेरी चरणी आवे रोग सोग सकला मिट जावे॥
ब्रह्मा टिक तेरा पार ना पावे,आ बाला दे कष्ट निवार दे,
आके मेह्रावालिये मेहरा दे छीते मरदे......
श्रेणी : दुर्गा भजन
Hun Aake Mehra Waliye Mehra De Chatte Maar De - Mahant Sh. Harbans Lal Bansi
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