क्षमा करो हे मेरे प्रभुजी लिरिक्स Kshma Karo Hey Mere Prabhu Ji Hindi Bhajan Lyrics Vividh Bhajan
क्षमा करो हे मेरे प्रभुजी,
अब तक के सारे अपराध,
धो डालो तन की चादर को,
लगे है उसमे जो भी दाग।
तुम तो प्रभुजी मानसरोवर, अमृत जल से भरे हुए,
पारस तुम हो, इक लोहा मै, कंचन होवे जो ही छुवे,
तज के जग की सारी माया,
तुमसे कर लू मै अनुराग,
धो डालो तन की चादर को,
लगे है उसमे जो भी दाग,
क्षमा करो हे मेरे प्रभुजी.....
काम क्रोध में फंसा रहा मन, सच्ची डगर नहीं जानी,
लोभ मोह मद में रहकर प्रभु,
कर डाली मनमानी,
मनमानी में दिशा गलत लें,
पंहुचा वहां जहाँ है आग,
धो डालो तन की चादर को,
लगे है उसमे जो भी दाग,
क्षमा करो हे मेरे प्रभुजी.....
इस सुन्दर तन की रचना कर,
तुमने जो उपकार किया,
हमने उस सुन्दर तन पर प्रभु,
अपराधो का भार दिया,
नारायण अब शरण तुम्हारे,
तुमसे प्रीत होये निज राग,
धो डालो तन की चादर को,
लगे है उसमे जो भी दाग,
क्षमा करो हे मेरे प्रभुजी.....
श्रेणी : विविध भजन
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