विघन हरण मंगल करण लिरिक्स Vighan Haran Mangal Karan Hindi Bhajan Lyrics Ganesh Bhajan
विघन हरण मंगल करण,
दीनन दीन दयाल,
प्रथम निमंत्रण आप को,
अरे गिरिजा के लाली......
गौरी नंदन गजबदन,
कर्ण स्वामी दुख हरानी,
लम्बोदर प्रभु अंकुश धारी,
मूषक वाहन करके सवारी,
आए है मेरे आगन,
गौरी नंदन गजबदन,
कर्ण स्वामी दुख हरानी....
तीजा गौरा रही उपासिक,
पूजा विश्वनाथ अविनाशी....
शुक्ल भद्र पद पवन महिना,
बांके शिव चरण की दासी....
शिव को मन मंदिर में बैठा के,
गिरिजा मां को ध्यान लगाके,
मंगा सुंदर सा ललन....
गौरी नंदन गजबदन,
कर्ण स्वामी दुख हरानी....
मात पिता की करके सेवा,
बंगये देवन के भी देवा....
अपने भक्त जन के घर में,
आने पाए मोदक मेवा....
हम लचर है भक्त तुम्हारे,
पद गए तुम्हारे चरण....
गौरी नंदन गजवंदन,
कर्ण स्वामी दुख हरानी....
रिद्धि सिद्धि को भी लाए,
सोटे मेरे भाग्य जगाये....
गणपति ज्ञान दिवैया स्वामी,
आए मेरे द्वारे आए....
ये बेनाम पुकार रहा था,
कबसे बात निहार रहा था,
द्वारे लागे राज नयन...
गौरी नंदन गजवंदन,
कर्ण स्वामी दुख हरानी....
श्रेणी : गणेश भजन
.webp)
विघन हरण मंगल करण लिरिक्स Vighan Haran Mangal Karan Hindi Bhajan Lyrics, Ganesh Bhajan, Ganpati Bappa Bhajan
Note :- वेबसाइट को और बेहतर बनाने हेतु अपने कीमती सुझाव नीचे कॉमेंट बॉक्स में लिखें व इस ज्ञानवर्धक ख़जाने को अपनें मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें।