उज्जैन महाकालेश्वर की कथा
उज्जैन महाकालेश्वर, 12 ज्योतिर्लिंग में से तीसरा ज्योतिर्लिंग है जो कि महाकालेश्वर के नाम से प्रसिद्ध है। यह मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। यहां पर भगवान महाकालेश्वर का भव्य ज्योतिर्लिंग विद्यमान है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना के पीछे भी एक कथा है जिसका वर्णन हम यहां कर रहे हैं।
अवंती नाम से प्रसिद्ध देहदारियों को मोक्ष प्रदान करने वाली एक रमणीय नगरी थी। यह नगरी शिव जी को बेहद प्रिय थी।
उस नगरी में एक श्रेष्ठ ब्राह्मण रहते थे। यह ब्राह्मण वैदिक कर्मों के लिए अनुष्ठान कराते थे। साथ ही शुभ कर्म परायण वेदों के अध्याय में भी संलग्न रहते थे। ब्राह्मण शिव जी का बड़ा भक्त था और वो प्रतिदिन अग्नि की स्थापना कर अग्निहोत्र करता था।
यही नहीं, वह हर रोज पार्थिव शिवलिंग बनाकर उसकी आराधना करता था। इस ब्राह्मंण का नाम वेद प्रिय था। वह हमेशा ज्ञान अर्जन करने में लगा रहता था और यही कारण है कि उस ब्राह्मण को उसके कर्मों का पूरा फल प्राप्त हुआ था।
एक बार रत्न माल पर्वत पर दूषण नामक का राक्षस रहता था। इसे ब्रह्मा जी से एक वरदान मिला था जिसे पाकर उसने धर्म तथा धर्मआत्माओं पर आक्रमण कर दिया। इसके बाद उसने उज्जैन के ब्राह्मणों पर आक्रमण करने के लिए भी योजना बनाई और चढ़ाई की।
अवंती नगर के ब्राह्मणों को उसने परेशान करना शुरू कर दिया। उसने ब्राह्मणों से धर्म-कर्म का कार्य रोकने के लिए कहा लेकिन ब्राह्मणों ने उसकी एक बात न मानी। ब्राह्मण पूजा में इतने ज्यादा लीन हो गए कि उन्हें राक्षस द्वारा किए गए आक्रमण का कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
राक्षस भी उन्हें लगातार परेशान करते रहे। ब्राह्मणों ने शिव शंकर से प्रार्थना करना शुरू कर दिया। राक्षस के अत्याचार देखकर भगवान शिव बहुत ज्यादा नाराज हो गए और एक बार फिर से जब उसने ब्राह्मणों पर हमला किया तो धरती फाड़कर महाकाल के रूप में भगवान शिव प्रकट हो गए।
शिव जी ने उस राक्षस को चेतावनी भी दी लेकिन राक्षस ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। इससे भगवान शिव नाराज हो गए और अपनी एक हुंकार से ही दूषण को भस्म कर दिया। फिर शिव ने अपने भक्तों से वरदान मांगने को कहा।
भक्तों ने वरदान में मांगा कि वो जनकल्याण या जनरक्षा हेतू इसी स्थान पर विराजमान हो जाएं या निवास करें। इस प्रार्थना से अभीभूत होकर भगवान महाकाल के रूप में वहीं विराजमान हो गए। इसी कारण इस जगह का नाम महाकालेश्वर पड़ा जिसे आप महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से जानते हैं।
श्रेणी : शिव भजन
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