हे रोम रोम मे बसने वाले राम
हे रोम रोम मे बसने वाले राम,
जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी,
मे तुझ से क्या मांगूं....
आप का बंधन तोड़ चुकी हूं,
तुझ पर सब कुछ छोड़ चुकी हूं,
नाथ मेरे मै, क्यूं कुछ सोचूं,
तू जाने तेरा काम,
जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी,
मे तुझ से क्या मांगूं,
हे रोम रोम मे बसने वाले राम...
तेरे चरण की धुल जो पायें,
वो कंकर हीरा हो जाएँ,
भाग्य मेरे जो, मैंने पाया,
इन चरणों मे ध्यान,
जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी,
मे तुझ से क्या मांगूं,
हे रोम रोम मे बसने वाले राम...
भेद तेरा कोई क्या पहचाने,
जो तुझ सा को वो तुझे जाने,
तेरे किये को, हम क्या देवे,
भले बुरे का नाम,
जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी,
मे तुझ से क्या मांगूं
हे रोम रोम मे बसने वाले राम...
हे रोम रोम मे बसने वाले राम,
जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी,
मे तुझ से क्या मांगूं...
श्रेणी : राम भजन
हे रोम रोम में बसने वाले राम | Waheeda R | Manoj Kumar | Asha B | Neel Kamal - HD Lyrical | Hit Song
हे रोम रोम मे बसने वाले राम लिरिक्स ( Hey Rom Rom Me Basne wale Ram Lyrics ), Ram Bhajan, by Singer: Manoj Kumar Ji
Note :- वेबसाइट को और बेहतर बनाने हेतु अपने कीमती सुझाव नीचे कॉमेंट बॉक्स में लिखें व इस ज्ञानवर्धक ख़जाने को अपनें मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें।