![]() |
Read In English |
बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन:
यह मंदिर वृंदावन, उत्तर प्रदेश में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 1863 में भगवान कृष्ण के श्रीचैतन्य महाप्रभु के गोस्वामियों द्वारा किया गया था। यहां के मूर्ति को निधिवन से लाया गया था। मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति की आंखों में देखने से आत्म-चेतना खो सकते हैं। यह मंदिर वृंदावन के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है और हर साल लाखों भक्तों को आकर्षित करता है।श्री नाथ जी मंदिर, नाथद्वारा, राजस्थान:
नाथद्वारा राजस्थान के एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है जो भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। श्री नाथ जी मंदिर के लिए उद्घाटन और प्रतिष्ठा विधि में विशेष महोत्सव की जाती है। यहां के मूर्ति को हर दिन एक नई पोशाक पहनाई जाती है और भक्तों के द्वारा प्रसाद के रूप में स्वीकार किया जाता है।सांवरिया सेठ जी मंदिर, भादसोदा, चित्तौड़गढ़:
भगवान श्याम कृष्ण के सांवरिया सेठ जी का मंदिर राजस्थान के भादसोदा जिले में स्थित है। यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है, जिन्हें श्री सांवरिया सेठ के नाम से भी जाना जाता है। इसे सांवरिया सेठ जी के भक्तों के लिए एक पवित्र स्थल माना जाता है और यहां प्राय: भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण की जाती हैं।द्वारकाधीश मंदिर, गुजरात:
द्वारकाधीश मंदिर गुजरात के द्वारका शहर में स्थित है और यह श्री कृष्ण की काली भव्य मूर्ति को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण चूना पत्थर और बालू से किया गया है और इसका निर्माण 2200 साल पहले वज्रनाभ द्वारा किया गया था। यह मंदिर द्वारका नगरी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है और भगवान कृष्ण के श्रद्धालुओं के बीच बड़े उत्साह से प्रसिद्ध है।जगन्नाथ मंदिर, ओडिशा:
जगन्नाथ मंदिर ओडिशा में स्थित भगवान जगन्नाथ के अद्भुत मंदिर को प्रसिद्धि के लिए जाना जाता है। यह मंदिर पुरी नगरी में स्थित है और यह भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को समर्पित है। मंदिर की परछाई कभी दिखाई नहीं देती है और इसका रीति-रिवाज अन्य मंदिरों से अलग है। यह मंदिर प्रतिवर्ष लाखों भक्तों को आकर्षित करता है, और इसके चारों ओर धार्मिक और आध्यात्मिक उत्सव धूमधाम से मनाए जाते हैं।राधा रमण मंदिर, वृंदावन:
राधा रमण मंदिर वृंदावन के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है, जो भगवान कृष्ण को समर्पित है। यहां भगवान को राधा को प्रसन्न करने वाला माना जाता है। इस मंदिर में भगवान कृष्ण के स्वयं प्रकट देवता रूप में शालिग्राम, जिनके चेहरे पर एक रहस्यमय मुस्कान है, हैं। यहां प्रतिवर्ष राधा रमण उत्सव को धूमधाम से मनाया जाता है और भगवान के श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।गरुवयूर मंदिर, केरल:
गुरुवायुर मंदिर केरल के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इस मंदिर को भगवान कृष्ण को समर्पित है और इसकी विशेषता उसे पवित्र तुलसी की माला और मोतियों का हार से सुशोभित करती है। इस मंदिर का निर्माण 1638 ईस्वी में हुआ था। यह मंदिर भक्तों के बीच बड़े उत्साह से प्रसिद्ध है और विशेष रूप से कृष्ण जन्माष्टमी और जन्माष्टमी महोत्सवों के दौरान भक्तों के लिए धार्मिक और आध्यात्मिक उत्साह के साथ मनाया जाता है।गोविंद देव जी मंदिर, जयपुर:
गोविंद देव जी मंदिर जयपुर में स्थित है और यह राजस्थान के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की मुख्य मूर्ति भगवान कृष्ण को समर्पित है और इसे भगवान के अवतार के दौरान कृष्ण के रूप में दिखाने के लिए जाना जाता है। मंदिर का निर्माण स्वर्गीय श्री जुगल किशोर बिरला द्वारा वर्ष 1952 में करवाया गया था। यहां भक्तों को भगवान कृष्ण की भक्ति करने के लिए विशेष स्थल माना जाता है।उडुपी श्री कृष्ण मंदिर, कर्नाटक:
उडुपी श्री कृष्ण मंदिर कर्नाटक के एक प्रमुख हिंदू मंदिर है। यह मंदिर श्री माधवाचार्य द्वारा 13वीं शताब्दी में स्थापित किया गया था, जो वेदांत के द्वैत स्कूल के संस्थापक थे। इस मंदिर की मुख्य मूर्ति पश्चिममुखी है और इसकी प्रतिमा पवित्र तुलसी के पत्रों से भूषित की जाती है। यह एक प्रसिद्ध प्रकार का मंदिर है जो खगोलशास्त्र के लिए भी प्रसिद्ध है।बिरला मंदिर, कुरुक्षेत्र, हरियाणा:
बिरला मंदिर प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है, जिसे भगवद गीता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर हरियाणा के कुरुक्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण स्वर्गीय श्री जुगल किशोर बिरला द्वारा वर्ष 1952 में किया गया था और इसका नाम भगवद गीता मंदिर रखा गया था। यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और इसे भक्तों के बीच बड़े उत्साह से प्रसिद्ध है।ये सभी मंदिर भगवान कृष्ण के श्रद्धालुओं के लिए धार्मिकता, साधना और आध्यात्मिक उत्साह के साथ भरे हुए हैं। इन मंदिरों में भगवान के दिव्य लीलाओं को स्मरण करते हुए भक्तों का मन शांति प्राप्त करता है और उन्हें धार्मिकता के मार्ग पर प्रेरित करता है।