बाबा तारेंगा जनम जनम के पाप से मुझको
( तर्ज- मैं ना भूलूंगा )
बाबा तारेगा,बाबा तारेंगा,
जनम जनम के पाप से मुझको,
जनम जनम के पाप से मुझको,
श्याम उबारेगा, बाबा तारेंगा, बाबा तारेंगा,
वो मेरे दुखो को, नही लेता है,सहारा बनकर के,
सहारा देता है,मुझ जैसे नालायक को,
मुझ जैसे नालायक को, तू ही अपनाएगा,
जनम जनम के पाप से मुझको,श्याम उबारेगा,
बाबा तारेगा,बाबा तारेंगा,
जनम जनम के पाप से मुझको,
जनम जनम के पाप से मुझको,
श्याम उबारेगा, बाबा तारेंगा, बाबा तारेंगा,
समय पे अपनों को,बदलते देखा है,
हाथ से रिश्तों को, फिसलते देखा है,
बनकर साथी तू ही हरदम,
बनकर साथी तू ही हरदम,
जनम जनम के पाप से मुझको,साथ निभाएगा,
श्याम उबारेगा,बाबा तारेंगा, बाबा तारेंग,
बाबा हर ग्यारस को,ये साथ निभाएगा,
भजनों की गंगा से तुझको, ‘ललित’ रिझाएगा,
खाटू बुलाएगा, हारने वालों का,
भजनों की गंगा से तुझको,
जनम जनम के पाप से मुझको,
श्याम उबारेगा, बाबा तारेंगा, बाबा तारेंगा ,
बाबा तारेगा, बाबा तारेंगा,
जनम जनम के पाप से मुझको,
जनम जनम के पाप से मुझको,
श्याम उबारेगा, बाबा तारेंगा, बाबा तारेंगा,
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
