मैं कावड़ लानी से
सावन का महीना आया भक्तों का मन हरसाया,
तुम मेरे मन ने भाया भोले, मैं कावड़ लानी से,
मैं कावड़ लानी से मैं कावड़ लानी से मैं कावड़ लानी से।।
कई साल से सोच रहया सु तेरी कावड़ लाऊंगा,
गोमुख से में भर के झारी भोले तन्ने नहलाऊंगा,
गोमुख से में भर के झारी भोले तन्ने नहलाऊंगा,
गर इब के हो जा दर्शन मेरा मन हो जागा प्रसन्ना ,
तू ही ब्रह्मा के संग भोले मैं कावड़ लानी से,
मैं कावड़ लानी से मैं कावड़ लानी से मैं कावड़ लानी से ।।
नीलकंठ कैलाशी भोला तू कालों का काल है,
तुम ही जग को रखने वाला तू ही समय की चाल है,
तुम ही जग को रखने वाला तू ही समय की चाल है,
बाजे ढोल मृदंगा, नाचे भगता के संगा,बाजे ढोल मृदंगा,
नाचे भगता के संगा, तेरा होकर मस्त मलंगा भोले में कावड़ लानी से,
मैं कावड़ लानी से मैं कावड़ लानी से मैं कावड़ लानी से ।।
सावन का महीना आया भक्तों का मन हरसाया,
तुम मेरे मन ने भाया भोले, मैं कावड़ लानी से,
मैं कावड़ लानी से मैं कावड़ लानी से मैं कावड़ लानी से।।
नादानगी सू कावड़ लाया तेरा खास पुजारी से,
तेरे दर पर ओ भोले या आ रही दुनिया सारी से,
।तेरे दर पर ओ भोले या आ रही दुनिया सारी से,
कोई लाया मोटर गाड़ी कोई टेंपो भर्रया ठाडी,
या चाले आडी आडी ओ भोले मैं कावड़ लानी से,
मैं कावड़ लानी से।मैं कावड़ लानी से।मैं कावड़ लानी से,
मैं कावड़ लानी से।मैं कावड़ लानी से।मैं कावड़ लानी से ।।
सावन का महीना आया भक्तों का मन हरसाया,
तुम मेरे मन ने भाया भोले, मैं कावड़ लानी से,
मैं कावड़ लानी से मैं कावड़ लानी से ।।
सावन का महीना आया भक्तों का मन हरसाया,
तुम मेरे मन ने भाया भोले, मैं कावड़ लानी से,
मैं कावड़ लानी से मैं कावड़ लानी से मैं कावड़ लानी से।।
श्रेणी : शिव भजन