कैसा है तेरा संसार माँ मुझे इतना बतादे
(तर्ज – छोड़ेंगे ना हम तेरा साथ ओ साथी मरते दम तक)
|| दोहा ||
मूरत तेरी देखकर माँ आया मुझको ध्यान।
नाम तेरे पर हो गया मैया मैं कुर्बान।।
कैसा है तेरा संसार माँ मुझे इतना बतादे
इतना बतादे धीर बधाँदे।
समझ न आये, तू समझादे ।। कैसा है तेरा संसार….
एक घर से डोली निकलेगी एक से अर्थी जाये।
यहाँ खुशी शहनाई बाजे, उस घर मातम छाये।।
क्यों ना इनके भाग्य जगादे
समझ न आये तू समझादे….
कैसा है तेरा संसार माँ मुझे इतना बतादे
दीपक घर घर में जलते हैं फिर भी क्यों अंधियारी।
निर्धन के घर मातम छाया एक घर मने दिवारी।।
इनके दीपक क्यों न जलादे
समझ न आये तू समझादे…
कैसा है तेरा संसार माँ मुझे इतना बतादे
एक सोता है भूखा घर में इक घर में मौज उड़ाये।
माँ तेरी ये कैसी परीक्षा मेरी समझ न आये।।
दुखियों के दुःख क्यों न मिटादे
समझ न आये तू समझादे…
कैसा है तेरा संसार माँ मुझे इतना बतादे
जो सच्चाई पर चलता है चैन नहीं वो पाये।
साँची कहे सुने ना कोई, दुनिया हँसी उड़ाये।।
इन आँखो के परदे हटादे
समझ न आये तू समझादे…
कैसा है तेरा संसार माँ मुझे इतना बतादे
श्रेणी : दुर्गा भजन
