मुझे वृन्दावन बसाया ये करम नहीं तो क्या है
मुझे वृन्दावन बसाया,
ये करम नहीं तो, क्या है,
मेरा मरतबा बढ़ाया,
ये करम नहीं तो, क्या है।
मैं ग़मों की धूप में जब,
तेरा नाम ले के निकला,
मिला रहमतों का साया,
ये करम नहीं तो, क्या है,
हां, मुझे वृन्दावन बसाया,
ये करम नहीं तो, क्या है,
मेरा मरतबा बढ़ाया,
ये करम नहीं तो, क्या है।
मेरी गलतियों को प्यारे,
मिले आप के सहारे,
मैं गिरा तो खुद उठाया,
ये करम नहीं तो, क्या है,
हां, मुझे वृन्दावन बसाया,
ये करम नहीं तो, क्या है,
मेरा मरतबा बढ़ाया,
ये करम नहीं तो, क्या है।
मुझे वक्त-ऐ-जिक्र करके,
मेरी रूह में उतर के
मेरे दिल को दिल बनाया,
ये करम नहीं तो, क्या है,
हां, मुझे वृन्दावन बसाया,
ये करम नहीं तो, क्या है,
मेरा मरतबा बढ़ाया,
ये करम नहीं तो, क्या है।
मुझे वृन्दावन बसाया,
ये करम नहीं तो, क्या है,
मेरा मरतबा बढ़ाया,
ये करम नहीं तो, क्या है।
श्रेणी : कृष्ण भजन