बोलो मुरली वाले बोलो बंसी वाले
बोले राधिका कान्हा से, कान्हा से कान्हा से,
हे जग के रखवाले दाऊ तो है गोरे गोरे,
लेकिन तुम क्यों काले ,
बोलो मुरली वाले, बोलो बंसी वाले,
बोलो मुरली वाले, बोलो बंसी वाले,
हंसते हुए कान्हा बोले सच्ची बात बताएं,
जब से जन्मे यमुना जी में जाकर रोज नहाए,
काला जल है यमुना जी का कालिंदी कहलाए,
कल जल में अपनी काया हम मलमल धो डाले,
ऐसे हुए हम तो काले, ऐसे हुए हम तो काले,
बोलो मुरली वाले, बोलो बंसी वाले,
मेरी प्यारी सखियां आओ सुन लो मेरी कहानी,
यमुना जल में नाग कालिया रहता था अभिमानी,
नाथ के आया नाग कालिया नहीं किसी की मानी,
फुफकार से उसकी सुन लो हम नहीं डरने वाले,
ऐसे हुए हम तो काले, ऐसे हुए हम तो काले,
बोलो मुरली वाले, बोलो बंसी वाले,
बोलो मुरली वाले, बोलो बंसी वाले,
सच्ची घटना एक सुनाऊं करता नहीं मैं बहाने,
काली काली आई पुतना मुझको मांर मिटाने,
स्तन में विष लगाकर मुझको लगी थी वह पिलाने,
कल मन वाले उस विष से हम भी पड़ गए काले,
ऐसे हुए हम तो काले, ऐसे हुए हम तो काले,
बोलो मुरली वाले, बोलो बंसी वाले,
बोलो मुरली वाले, बोलो बंसी वाले,
मुस्काते हुए बोले कन्हैया सुन लो एक पहेली,
करते हैं फूलों के सीने में वह भंवरे अठखेली,
पुष्प पराग तो धीरज पाकर करते हैं रंगरेली,
पुष्प पराग के रस को में सीने में हूं संभाले,
ऐसे हुए हम तो काले, ऐसे हुए हम तो काले,
बोलो मुरली वाले, बोलो बंसी वाले,
हे जग के रखवाले दाऊ तो है गोरे गोरे,
लेकिन तुम क्यों काले ,
बोलो मुरली वाले, बोलो बंसी वाले,
बोलो मुरली वाले, बोलो बंसी वाले,
श्रेणी : कृष्ण भजन