राम धुन में हो मगन हनुमान आए हैं
राम धुन में हो मगन हनुमान आए हैं
आज चल के स्वयं मेरे श्री राम आए हैं
धन्य है भगवान के दर्शन जो पाए हैं
आज चल के स्वयं मेरे श्री राम आए हैं
आज चल के स्वयं मेरे श्री राम आए हैं
सज के है बैठी यह नगरी तेरी
मिलने की घड़ियां मंगल आ गई
चरणों को तेरी यूं चूम के, हां ये जमी पावन हो गई
हर नजर उनको निहारे, वही छाए हैं
आज चल के स्वयं मेरे श्री राम आए हैं
आज चल के स्वयं मेरे श्री राम आए हैं
सुन लेते हैं वह मन की मेरे,
मुख से फिर क्या हां बोलना
मन के मंदिर में बसे राम जी,
बाहर फिर क्या, हां खोजना
आस थी जिसकी हमें, उस पल को लाए हैं
आज चल के स्वयं मेरे श्री राम आए हैं
आज चल के स्वयं मेरे श्री राम आए हैं
मन में उनके जैसे मां जानकी,
ऐसे ही मन में मेरे राम जी
मूरत मैं देखूं जब आपकी,
हां देख लूं मैं चारों धाम ही
मिलने अपने भक्त से भगवान आए हैं
आज चल के स्वयं मेरे श्री राम आए हैं
आज चल के स्वयं मेरे श्री राम आए हैं
राम धुन में हो मगन हनुमान आए हैं
आज चल के स्वयं मेरे श्री राम आए हैं
धन्य है भगवान के दर्शन जो पाए हैं
आज चल के स्वयं मेरे श्री राम आए हैं
आज चल के स्वयं मेरे श्री राम आए हैं
श्रेणी : राम भजन
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