तुम हो लखदातार ओ मेरे लिले के असवार
तर्ज - कन्हैया ले चल परली पार
ओ मेरे लिले के असवार,
ओ मेरे लिले के असवार,
तीन बाण के धारी सेना तेरी,
तीन लोक सरकार,
ओ मेरे लिले के असवार,
ओ मेरे लिले के असवार,
तेरे दर की है अजब कहानी,
खाटू वाले शीश के दानी,
जिसने जो भी मांगा तुमसे,
तुमने कृपा बरसाई उसपे,
लख-लख देने वाले सबको,
तुम हो लखदातार,
ओ मेरे लिले के असवार,
ओ मेरे लिले के असवार,
तेरे दातारि की है चर्चा,
हाथों हाथ तू बांटे पर्चा,
घर-घर डंका बजे तुम्हारा,
हारे का तुम श्याम सहारा,
जिसका साथी तुम बन जाओ,
होती ना उनकी हार,
ओ मेरे लिले के असवार,
ओ मेरे लिले के असवार,
खाटू धाम तेरा बड़ा पावन,
खेले खुशियां यह तेरे आंगन,
देवों को यह नगरी सुहावे,
कुंदन को रज खाटू की भावे,
इस कलयुग के देव तुम ही हो,
कलयुग के अवतार,
ओ मेरे लिले के असवार,
ओ मेरे लिले के असवार,
ओ मेरे लिले के असवार,
ओ मेरे लिले के असवार,
तीन बाण के धारी सेना तेरी
तीन लोक सरकार,
ओ मेरे लिले के असवार,
ओ मेरे लिले के असवार,
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
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