फागण में बाबा कैसा जादू चलाते
फागण में बाबा कैसा जादू चलाते
रोके ना रुक पाऊं मैं खाटू में धड़के मेरा दिल
सपनों में आके मुझे रंग लगाते
रोके ना रुक पाऊं मैं खाटू में धड़के मेरा दिल
रंग बसंती छाया मुझ पर हो गया मैं तो पागल
हो हिचकी की आती रुकती नहीं है चैन ना आए एक पल,
नाम है तेरा, मेरी बातों में, नाम है तेरा मेरी बातों में,
खुशबू है तेरी मेरी सांसों में
दिखते हो हरदम मुझको मुरली बजाते
मन को लुभाती तेरे फाग कीय महफिल
फागण में बाबा कैसा जादू चलाते
रोके ना रुक पाऊं मैं खाटू में धड़के मेरा दिल
खाटू की हर एक गलियों में श्याम का रंग चढ़ा है
हो भर पिचकारी भक्तों के संग बाबा श्याम खड़ा है
रंग लगाए दौड़ा दौड़ा आए,
रंग लगाए दौड़ा दौड़ा आए
पल में दुखों की होली जलाए
अपने प्यारों के सोए भाग जगाए
भटके हुए को जैसे मिल जाए कोई मंजिल
फागण में बाबा कैसा जादू चलाते
रोके ना रुक पाऊं मैं खाटू में धड़के मेरा दिल
चंग नगाड़े ऐसे बजते झूमे शाम के सेवक
हो जयकारे गूंजे भक्तों के सुबह शाम और दिन तक
मस्ती रंगीली हर मन भाई मस्ती रंगीली हर मन भाई
सारे जहां की खुशियां है पाई
किस्मत वालों को ही श्याम बुलाते
भक्तों के मन मंदिर में सजती है इनकी महफिल
फागण में बाबा कैसा जादू चलाते
रोरोके ना रुक पाऊं मैं खाटू में धड़के मेरा दिल
खत्म ना हो ये दिन फागण के बाबा ऐसा कर दो
हो अपनी भक्ति के रंगों से मेरा जीवन भर दो
अनिल की वाणी तेरे गुण गाए
अनिल की वाणी तेरे गुण गाए
भाव सुरीले तू ही तो लिखाए
चरणों में तेरे भीते अब दिन रातें
कर देना मुझको बाबा इतना तो तुम काबिल
फागण में बाबा कैसा जादू चलाते
रोके ना रुक पाऊं मैं खाटू में धड़के मेरा दिल
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श्रेणी : खाटू श्याम भजन