जबसे कन्हैया ने मुझे अपनाया है
तर्ज - तेरे जैसा यार कहाँ
जबसे कन्हैया ने, मुझे अपनाया है,
मेरे संग संग रहता, सांवरे का साया है,
जब से कन्हैया ने, मुझे अपनाया है....
कल तक जो जिंदगी में, मेरे ख्वाब थे अधूरे,
तेरी दया से बाबा, वो हो रहे है पूरे,
तूने जब से सिर पे, हाथों को फिराया है,
जब से कन्हैया ने, मुझे अपनाया है....
जीने को जी रहे थे, पर बात कुछ नहीं थी,
तेरे बिना तो माधव, औकात कुछ नहीं थी,
दुख में भी सुख का मुझे, स्वाद चखाया है,
जब से कन्हैया ने, मुझे अपनाया है....
तेरे फैसले के आगे, तकदीर सिर झुकाए,
करता है सांवरा जो, कोई भी कर ना पाए,
कांटों के बगीचे में, फूलों को खिलाया है,
जब से कन्हैया ने, मुझे अपनाया है....
जबसे कन्हैया ने, मुझे अपनाया है,
मेरे संग संग रहता, सांवरे का साया है,
जब से कन्हैया ने, मुझे अपनाया है....
यह भी देखें : किसी गोकुल में छुपा होगा
श्रेणी : कृष्ण भजन