मिलवा दे उसे अंधे से जो जपता तेरा नाम
मिलवा दे उसे अंधे से जो जपता तेरा नाम
मेरी अखियां मुरली वाले, दूंगा उसको दान
यह अखियां जहां रहेगी, रोज तेरा दर्श करेगी
यह अखियां जहां रहेगी, रोज तेरा दर्श करेगी
बरसो बरस तुमसे अखियां मिलाई
अंखियों में श्याम तेरी सूरत समाई
यह अखियां मामूली नहीं है, बसा है इसमें श्याम
यह अखियां जहां रहेगी, रोज तेरा दर्श करेगी
यह अखियां जहां रहेगी, रोज तेरा दर्श करेगी
तेरी आंख इन आंखों का लोहा मानती है
एक टक नीहारने का हुनर जानती है
इन अंखियों को बंद देख कर होगी बड़ी परेशान
यह अखियां जहां रहेगी, रोज तेरा दर्श करेगी
यह अखियां जहां रहेगी, रोज तेरा दर्श करेगी
कभी तो मिलाई अखियां, कभी है चुराई
इसी से तो प्रेम जताया, इसी से लड़ाई
आंखों के रास्ते दिल में मेरे ,बस गया तू घनश्याम
यह अखियां जहां रहेगी, रोज तेरा दर्श करेगी
यह अखियां जहां रहेगी, रोज तेरा दर्श करेगी
दान का यह सिलसिला तो, टूट नहीं जाए
बनवारी दर्शन तेरा छूट नहीं जाए
युगों युगों तक इन अंखियों पर रहना मेहरबान
यह अखियां जहां रहेगी, रोज तेरा दर्श करेगी
यह अखियां जहां रहेगी, रोज तेरा दर्श करेगी
मिलवा दे उसे अंधे से जो जपता तेरा नाम
मेरी अखियां मुरली वाले, दूंगा उसको दान
यह अखियां जहां रहेगी, रोज तेरा दर्श करेगी
यह अखियां जहां रहेगी, रोज तेरा दर्श करेगी
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श्रेणी : कृष्ण भजन