मेरौ मन श्रीवृन्दावन अटक्यौ
मेरौ मन श्रीवृन्दावन अटक्यौ
मेरौ मन श्रीवृन्दावन अटक्यौ
मेरौ मन श्रीवृन्दावन अटक्यौ
मेरौ मन श्रीवृन्दावन अटक्यौ
राख्यौ श्रीहरिदास विपुल बल,
भूलि न इत उत भटक्यौ ॥
मेरौ मन श्रीवृन्दावन अटक्यौ
मेरौ मन श्रीवृन्दावन अटक्यौ
मेरौ मन श्रीवृन्दावन अटक्यौ
मेरौ मन श्रीवृन्दावन अटक्यौ
बिसरे बिस्व विलास त्रास
उपहासनि नेकु न मटक्यौ,
बिसरे बिस्व विलास त्रास
उपहासनि नेकु न मटक्यौ,
उपज्यौ अति आनंद हिये
सुख सुफल प्रेम लै लटक्यौ,
मेरौ मन श्रीवृन्दावन अटक्यौ
मेरौ मन श्रीवृन्दावन अटक्यौ
मेरौ मन श्रीवृन्दावन अटक्यौ
मेरौ मन श्रीवृन्दावन अटक्यौ
दियौ प्रसाद प्रतीति प्रीति के
महल कुमहलन हटक्यौ,
दियौ प्रसाद प्रतीति प्रीति के
महल कुमहलन हटक्यौ,
श्रीबिहारीदास दंपति सुख
चैननि नैंन मधुर रस गटक्यौ,
मेरौ मन श्रीवृन्दावन अटक्यौ
मेरौ मन श्रीवृन्दावन अटक्यौ
मेरौ मन श्रीवृन्दावन अटक्यौ
मेरौ मन श्रीवृन्दावन अटक्यौ
श्रेणी : कृष्ण भजन