मेरा श्याम जी लखदातार
मेरा श्याम जी लखदातार तू कैया तरसे,
कैया तरसे रे तू कैया तरसे,
कैया तरसे रे तू कैया तरसे,
मेरा श्याम जी लखदातार.........
हीरा मोती सोना चांदी रोज़ ही लुटावे,
सच्चे मन से खाटू जावे बिन मांगे ही पावे,
बाबा की महर उसपे खूब बरसे,
मेरा श्याम जी लखदातार तू कैया तरसे,
बड़े बड़े साहूकार इसके दर से मांग के खावे,
हर महीने ग्यारस पे बाबा के दर पे जावे,
कोई ना खाली जावे इसके दर से,
मेरा श्याम जी लखदातार तू कैया तरसे,
संजीव कुमार भी भक्ता के संग में जावे,
बाबा के कीर्तन में अर्ज़ी लगावे,
झोली भर भर के ल्यावे इसके दर से,
मेरा श्याम जी लखदातार तू कैया तरसे,
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
Mera Shyam Ji Lakhdatar | मेरा श्याम जी लखदातार | Baba Shyam Bhajan | Sanjeev Kumar Hansi
मेरा श्याम जी लखदातार एक अत्यंत भक्तिमय और भावपूर्ण भजन है, जो खाटू वाले श्याम बाबा की महिमा का गुणगान करता है। इस भजन में बाबा श्याम की कृपा, उनकी दयालुता और भक्तों पर उनकी असीम महर का सुंदर चित्रण किया गया है। यह भजन विशेष रूप से उनकी कृपा का बखान करता है कि जो भी सच्चे मन से उनके दरबार में आता है, वह कभी खाली हाथ नहीं लौटता।
इस भजन को संजीव कुमार हांसी ने अपनी मधुर वाणी में गाया है, जिससे इसकी भक्ति और भी गहरी हो जाती है। भजन में यह वर्णन किया गया है कि बाबा श्याम हीरा, मोती, सोना और चांदी तक लुटाते हैं, लेकिन उनके दर पर आने वाला केवल उनकी कृपा और आशीर्वाद का ही इच्छुक होता है। बाबा के दरबार में बड़े-बड़े साहूकार भी श्रद्धा से सिर झुकाते हैं और हर महीने ग्यारस पर उनकी महिमा गाने आते हैं।
खाटू श्याम बाबा की महिमा अपरंपार है, और इस भजन में भक्तों के अटूट विश्वास और श्रद्धा को दर्शाया गया है। संजीव कुमार हांसी खुद भी इस भजन को गाकर बाबा के दरबार में अपनी अर्जी लगाते हैं और भक्तों को भी भक्ति में लीन कर देते हैं। बाबा के भजन गाने और सुनने मात्र से मन को असीम शांति और आनंद की प्राप्ति होती है। "मेरा श्याम जी लखदातार" न केवल एक भजन है, बल्कि यह भक्तों के मन में आस्था की ज्योत जलाने वाला एक आध्यात्मिक संदेश भी है, जो हर किसी को बाबा की भक्ति में रंग देता है।