भोले बाबा दी बारात
शिव विवाह भजन,
भोले बाबा दी बारात चली सज धज के,
भोले शंकर दी बारात चली सज धज के,
चली सज धज के, चली सज धज के,
ओ भोले बाबा दी बारात चली सज धज के,
हाथ विच डमरू, मथे चंदा,
गल विच नाग सजावे 2
नंदी नचे विच बारात चली सज धज के,
भोले बाबा दी बारात चली सज धज के,
सज धज के, चली सज धज के 2
भोले शंकर दी बारात जय हो....
भोले बाबा दी बारात चली सज धज के,
भक्ति वाला रंग चढ़ावे,
भोला सबनू आप नचावे 2
छाई खुशियाँ विच बाहर चली सज धज के,
भोले बाबा दी बारात चली सज धज के,
सज धज के, चली सज धज के 2
भोले शंकर दी बारात जय हो.....
भोले बाबा दी बारात चली सज धज के,
ब्रह्मा विष्णु खुशी मनान्दे,
देवी देवते फूल बरसान्दे 2
आई शिवरात्रि रात चली सज धज के,
भोले बाबा दी बारात चली सज धज के,
सज धज के, चली सज धज के 2
भोले शंकर दी बारात जय हो......
भोले बाबा दी बारात चली सज धज के,
भोला डमरू आप बजावे,
नारद वीणा नाल बजावे 2
गूंजे बम बम की जयकार चली सज धज के,
भोले बाबा दी बारात चली सज धज के,
सज धज के, चली सज धज के 2
भोले शंकर दी बारात जय हो,,,,
भोले शंकर दी बारात चली सज धज के,
बम भोले बम भोले बम भोले बम,
बम भोले बम भोले बम भोले बम,
बम भोले बम भोले बबम बबम बम,
भजन गायक : रवि बब्बर 9431166729
भजन गायक : नवीन चाचरा 9334051237
श्रेणी : शिव भजन
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यह उल्लासपूर्ण और भक्तिभाव से भरपूर भजन “भोले बाबा दी बारात चली सज धज के” शिव विवाह की उस दिव्य लीला को दर्शाता है, जब भगवान शंकर अपनी बारात लेकर माँ पार्वती से विवाह करने निकलते हैं। इस भजन को बड़ी ही ऊर्जा, उत्साह और भक्ति के रंग में गाया गया है, और इसमें हर वह दृश्य जीवंत हो उठता है जो एक भक्त की कल्पना में शिव विवाह को लेकर होता है। इस भजन को रवि बब्बर और नवीन चाचरा जैसे भजन गायकों ने अपनी भावपूर्ण आवाज़ में प्रस्तुत किया है।
भजन की शुरुआत में यह चित्र खिंचता है कि भोलेनाथ की बारात बड़े ही सजे-धजे रूप में निकली है — सिर पर चाँद, गले में नाग, हाथ में डमरू, और आगे-आगे नंदी नाचते हुए। यह केवल एक बारात नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक उत्सव है जिसमें देवता, ब्रह्मा, विष्णु, नारद और अन्य देवी-देवता भी सम्मिलित हैं।
इस भजन की विशेष बात यह है कि इसमें भक्ति का रंग और उत्सव का जोश दोनों देखने को मिलता है। भोले बाबा न सिर्फ डमरू बजा रहे हैं, बल्कि भक्तों को स्वयं नचा रहे हैं। “बम बम भोले” की गूंज पूरे वातावरण में गूंज रही है और ऐसा लगता है मानो शिवरात्रि की रात स्वयं आकर भक्तों को दर्शन दे रही हो।
“भोले बाबा दी बारात चली सज धज के” — यह सिर्फ एक भजन नहीं, बल्कि शिवभक्तों के लिए एक जश्न है, एक ऐसा दृश्य जो उनके हृदय को श्रद्धा और आनंद से भर देता है। यह भजन हर बार सुनने पर नया जोश, नई ऊर्जा और भोलेनाथ के प्रति गहरी आस्था को जन्म देता है।
शिवभक्तों के लिए यह भजन किसी अमृत समान है, जो मन, मस्तिष्क और आत्मा तीनों को शिवमय कर देता है। हर बार "बम भोले" की गूंज एक नई भक्ति की लहर बनकर हृदय में उतरती है।