ॐ नमः शिव आए
ॐ नमः शिवाय
ॐ, नमः शिवाय,
हरि, ॐ नमः शिवाय।।
हरि, ॐ नमः शिवाय,
हरि, ॐ नमः शिवाय।।
ॐ, नमः शिवाय...
नंद बाबा की, पूछन हवेली।।
घर-घर, अलख जगाए,
हरि, ॐ नमः शिवाय।।
ॐ, नमः शिवाय...
अंदर से, निकली, है नंद रानी।।
मोतीयों के, थाल भराए,
हरि, ॐ नमः शिवाय।।
ॐ, नमः शिवाय...
ये, मोती, मेरे किस काम के।।
हरि, दर्शन को आए,
हरि, ॐ नमः शिवाय।।
ॐ, नमः शिवाय...
जटा में, देखो, चंद्र विराजे।।
गले, शेष नाग, लिपटाए,
हरि, ॐ नमः शिवाय।।
ॐ, नमः शिवाय...
कान, पहने, मुंदरी प्यारी।।
तन पे, भस्म रमाए,
हरि, ॐ नमः शिवाय।।
ॐ, नमः शिवाय...
बाएँ, हाथ, त्रिशूल शिवा के।।
डम-डम, डमरू बजाए,
हरि, ॐ नमः शिवाय।।
ॐ, नमः शिवाय...
रंग, बाबा तेरा, सैला पिला।।
क्यों मेरा, बाल जगाए,
हरि, ॐ नमः शिवाय।।
ॐ, नमः शिवाय...
ये, बालक नहीं, डरने वाला।।
त्रिलोक, नाथ कहाए,
हरि, ॐ नमः शिवाय।।
ॐ, नमः शिवाय...
जाओ, सखियों, मोड़ लियाओ।।
शिव, दर्शन को आए,
हरि, ॐ नमः शिवाय।।
ॐ, नमः शिवाय...
भोले आए, दर्शन पाए।।
खुशी वाला, डमरू बजाए,
हरि, ॐ नमः शिवाय।।
ॐ, नमः शिवाय...
चार, परिक्रमा, ली शिवा ने।।
चरणों में, शीश नवाए,
हरि, ॐ नमः शिवाय।।
ॐ, नमः शिवाय...
जो कोई, भोले के, गुण गाए।।
जन्म-मरण, छुट जाए,
हरि, ॐ नमः शिवाय।।
ॐ, नमः शिवाय...
अपलोडर - अनिलरामूर्ति भोपाल
श्रेणी : शिव भजन
ॐ नमः शिव आए हरी ॐ नमः शिव आए 🌹om namo shiv aye 🌹#with lyrics
यह भजन "ॐ नमः शिवाय" भगवान शिव की महिमा का गान है, जो उनके भक्तों को शांति और आशीर्वाद देने के लिए गाया जाता है। इसमें भगवान शिव के विभिन्न रूपों और उनके दिव्य गुणों का वर्णन किया गया है। इस भजन में नंद बाबा की हवेली, नंद रानी के मोती, शिव जी के जटा में चंद्रमा और उनके गले में शेष नाग का वर्णन है। साथ ही, शिव जी के त्रिशूल, डमरू, और भस्म को भी श्रद्धा भाव से प्रस्तुत किया गया है।
इस भजन का संगीत और शब्द भगवान शिव के भव्य रूप और उनकी असीम शक्तियों की ओर इशारा करते हैं। यह भजन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए है जो शिव भक्ति में रुचि रखते हैं और उनकी महिमा का अनुभव करना चाहते हैं। इस भजन को अनिलरामूर्ति भोपाल द्वारा प्रस्तुत किया गया है और इसे शिव भजन की श्रेणी में रखा गया है।
"ॐ नमः शिवाय" का अर्थ है भगवान शिव को नमन करना और यह मंत्र उनके भक्तों के लिए एक शांति और आशीर्वाद का प्रतीक है। इस भजन को सुनते या गाते समय, भक्त अपने मन को शिव के चरणों में समर्पित करते हैं, और उनके आशीर्वाद के पात्र बनते हैं।