ग्यारस की रात सुहानी
ग्यारस की रात सुहानी,
नगरी हर खाटू बन जानि,
के अयी रुत कीर्तन की,
प्रेमी श्याम को खूब मनाओ,
के ग्यारस आया जी । भक्तों का मन भाया जी,
सवरिया खुद आया जी । सव धूम मचवो जी, हा,
ग्यारस का है दिन देखों लाखों प्रमी आये है,
हाथों में निशान सब के पैदल प्रेमी जाए है,
रिंगस से निशान उठाना,
हमे श्याम के दर पे है जाना x2
के अयी रुत कीर्तन की,
प्रेमी श्याम को खूब मनाओ,
के ग्यारस आया जी । भक्तों का मन भाया जी,
सवरिया खुद आया जी । सव धूम मचवो जी, हा,
बसंती बागे मे बाबो लागे कितना प्यार है,
सूरज चांद सर पर साजे रूप बसंत निराला है,
ये बसंती रुप निराला,
मन भा गया लीले वाला,
के अयी रुत कीर्तन की,
प्रेमी शाम को खूब मनाओ,
के ग्यारस आया जी । भक्तों का मन भाया जी,
सवरिया खुद आया जी । सव धूम मचवो जी, हा,
ग्यारस के रंग में सांवरिया थोड़ा रंग मिलावो जी,
भक्तों और भगवान के बीच की दूरी श्याम मिटाओ जी,
भक्तो को खूब नाचना,
उनका जीवन सफल बनना,
रवि को भी खूब नाचना,
अपने चरणों का दास बनाना,
के अयी रुत कीर्तन की,
प्रेमी शाम को खूब मनाओ,
के ग्यारस आया जी । भक्तों का मन भाया जी,
सवरिया खुद आया जी । सव धूम मचवो जी,
श्रेणी : कृष्ण भजन
Gyaras ki Raat (ग्यारस की रात) | Khatu Shyam song 2025 | रवि गौड़
यह भजन “ग्यारस की रात” एक अत्यंत भावपूर्ण और भक्तिमय रचना है, जो खाटू श्याम जी के भक्तों के हृदय को छू लेने वाली है। इस भजन को रवि गौड़ जी ने अत्यंत मधुर स्वर और सरल शब्दों में प्रस्तुत किया है, जिससे यह सीधे श्याम प्रेमियों के हृदय में उतर जाता है। इसमें ग्यारस की रात को खाटू नगरी में छाई भक्ति की रुत का अत्यंत सुंदर चित्रण किया गया है — कैसे पूरा नगर श्याम के रंग में रंग जाता है, भक्त दूर-दूर से निशान लेकर खाटू आते हैं, और हर दिशा में कीर्तन की गूंज सुनाई देती है।
भजन में फाल्गुन शुक्ला के मेले, रंगों की बौछार, और नीले घोड़े पर सवार श्याम सरकार के आगमन का जो वर्णन है, वह अत्यंत मनमोहक और दिव्य है। पिचकारियों में भरे प्रेम के रंग, गुलाल की उड़ान, और राधा नाम के आश्रय की महिमा को जिस तरह से भावपूर्ण शब्दों में पिरोया गया है, वह बताता है कि यह भजन केवल संगीत नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है। “तेरा नाम लेके लाड़ली जीवन संवर गया है” जैसी पंक्तियाँ श्रोताओं के जीवन को एक नई दिशा और शक्ति देती हैं।
रवि गौड़ द्वारा लिखा और गाया गया यह भजन केवल एक गीत नहीं, बल्कि श्याम के चरणों में अर्पित एक प्रेममयी प्रस्तुति है, जो भक्तों के अंतर्मन को छूती है और उन्हें श्याम से जोड़ती है। चाहे खाटू की गलियाँ हों या ग्यारस की रात की चहल-पहल, इस भजन में हर भाव को इतनी खूबसूरती से उकेरा गया है कि यह सुनते ही मन भावविभोर हो उठता है। यह निश्चित रूप से एक ऐसा भजन है जिसे हर श्याम भक्त को सुनना और अनुभव करना चाहिए।