हे अलबेली सरकार लाड़ली दया करो
हे अलबेली सरकार
लाड़ली दया करो
हे जग की पालनहार
मैं करता रहूं मनुहार
लाड़ली दया करो
किशोरी दया करो
छूटे ना मुझसे बरसाना
ममता रस मुझपे बरसाना
करो एक नज़र इस और
सब तुमपे दिया है छोड़
लाड़ली दया करो
स्वामिनी दया करो
करुणामयी सरकार तुम्ही हो
जीवन का आधार तुम्ही हो
सदा रखना सर पे हाथ
कभी छोड़ ना देना साथ
किशोरी दया करो
लाड़ली दया करो
तुम्ही लाड़ली मेरा सहारा
दास कमल है दास तुम्हारा
मैं गाऊं तेरे गीत
यूँ ही जीवन जाए बीत
श्यामा जू दया करो
स्वामिनी दया करो
श्रेणी : कृष्ण भजन
Radha Ji Bhajan | हे अलबेली सरकार लाड़ली दया करो | Ladli Daya Karo | Kamal Ram Ji Das
हे अलबेली सरकार, लाड़ली दया करो" — यह भजन राधा रानी के प्रेम और करुणा को समर्पित एक अत्यंत भावपूर्ण विनती है, जिसे कमल राम जी दास ने अपने हृदय की गहराइयों से प्रस्तुत किया है। इस भजन में भक्त की वह आतुर पुकार है जो एक शरणागत आत्मा अपनी स्वामिनी राधारानी से करती है — कि हे अलबेली सरकार, मुझे अपनी दया दृष्टि का एक छोटा सा अंश भी मिल जाए, तो मेरा जीवन धन्य हो जाए।
यह भजन राधा रानी के स्वरूप की महिमा का गुणगान है, जो जग की पालनहार हैं, करुणामयी सरकार हैं, और जिनका बरसाना प्रेम की राजधानी है। भक्त इस भजन में कहता है कि वह किसी चमत्कार की अपेक्षा नहीं रखता, केवल लाड़ली की एक नजर की आशा करता है — क्योंकि उसने सब कुछ राधा जी पर छोड़ दिया है।
"छूटे ना मुझसे बरसाना" — इस पंक्ति में उस चिरंतन प्रेम का स्वर है जो केवल राधारानी के धाम से जुड़कर ही आत्मा को सुकून देता है। भजन की हर पंक्ति जैसे विनम्रता से राधा रानी के चरणों में समर्पण कर रही हो — "तुम्ही लाड़ली मेरा सहारा", "दास कमल है दास तुम्हारा", "मैं गाऊं तेरे गीत, यूँ ही जीवन जाए बीत" — यह केवल शब्द नहीं, बल्कि हृदय की पुकार है।
"हे अलबेली सरकार" भजन की आत्मा है, जो राधा रानी के उस रूप की ओर इशारा करता है जहाँ वे न सिर्फ कान्हा की प्रियतमा हैं, बल्कि संसार की माँ, दया की देवी और हर भक्त की एकमात्र आशा भी हैं।
यह भजन केवल सुनने भर का नहीं, अपितु अनुभव करने का है। यह उस आत्मिक संवाद का माध्यम है जिसमें एक भक्त, अपनी सीमितता को स्वीकार करते हुए, असीम करुणा की देवी राधा रानी के चरणों में निवेदन करता है — "कभी छोड़ न देना साथ, किशोरी दया करो..."