श्याम धणी मन्ने खाटू में बुलाले
( तर्ज - लीला रे म्हाने श्याम से मिला दे )
श्याम धणी मन्ने खाटू में बुलाले,
सेवा करूंगा मैं थारी - बाबा मैं थारी,
तेरी चाकरी बाबा मन्ने अच्छी लागे,
तू बाबा बस बैठो रही ए,
काम मन्ने बस दे तो रहिए,
छोटी सी अर्जी मारी,
सेवा करूंगा मैं थारी - बाबा मैं थारी.....
विनती सुन लो श्याम हमारे,
तुम बाबा भक्तों के प्यारे,
कुछ ना छुपी श्याम लाचारी,
सेवा करूंगा मैं थारी - बाबा मैं थारी .....
इतनो ना तरसाव बाबा,
लक्की के आंख में आंसू बाबा,
दुनिया से सुनी है दातारी,
सेवा करूंगा मैं थारी - बाबा मैं थारी .....
Lyrics - lucky Shukla
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
यह भजन “श्याम धणी मन्ने खाटू में बुलाले” खाटू श्याम जी की असीम कृपा और सच्ची भक्ति का एक सुंदर उदाहरण है, जिसे Lucky Shukla जी ने बड़े भावपूर्ण शब्दों में लिखा है। यह भजन प्रसिद्ध तर्ज “लीला रे म्हाने श्याम से मिला दे” पर आधारित है, जो सुनने वालों के हृदय में सीधा उतर जाता है।
भजन में एक भक्त की गहरी व्याकुलता झलकती है — जो अपने श्याम धणी से विनती करता है कि उसे खाटूधाम बुला लें ताकि वह वहाँ सेवा कर सके। यह सेवा भाव, समर्पण और विनम्रता का अद्भुत संगम है। भक्त कहता है कि “तेरी चाकरी बाबा मन्ने अच्छी लागे”, जो इस बात का प्रतीक है कि उसके लिए संसार का हर सुख व्यर्थ है, यदि उसे बाबा की सेवा न मिले।
Lucky Shukla जी की लेखनी में वह सादगी और आत्मीयता है, जो भक्ति को और भी प्रभावशाली बना देती है। भजन के शब्द “तू बाबा बस बैठो रही ए, काम मन्ने बस दे तो रहिए” यह दर्शाते हैं कि भक्त केवल बाबा की कृपा दृष्टि का आकांक्षी है, बाकी सब कुछ वह उनके आदेश पर छोड़ देता है।
भजन के आगे के भाग में भक्त अपनी विनती दोहराता है कि श्याम बाबा उसकी अर्जी सुन लें, क्योंकि वे भक्तों के प्यारे और सबके दुःख हरने वाले दातारी हैं। अंतिम पंक्तियों में एक गहरी भावनात्मक अपील है — “इतनो ना तरसाव बाबा, लक्की के आंख में आंसू बाबा” — जो एक सच्चे प्रेमी-भक्त के हृदय की वेदना को प्रकट करती है।
यह भजन भक्ति, समर्पण और स्नेह से भरा हुआ है। Lucky Shukla जी ने इसमें भक्त और भगवान के बीच की आत्मिक भावना को बेहद सहज और भावनात्मक ढंग से प्रस्तुत किया है। “श्याम धणी मन्ने खाटू में बुलाले” हर उस श्याम भक्त की पुकार है जो बाबा के चरणों में सेवा करने की चाह रखता है।