गणपति गोरी जी के नंदन गणेश जी
गणपति गोरी जी के नंदन गणेश जी,
मैं शरण तुम्हारी आया हूँ, मेरी रक्षा करो हमेश जी ।
सबसे पहले तुम्हे धयाऊँ , फिर देवों के दर्शन पाऊं ।
गज बदन मूसे की सवारी, गजब तुम्हारा भेस जी ॥
तुम हो रिद्धि-सिद्धि के दाता, तुम बिन ज्ञान कोई न पाता ।
हे गजानन विश्व विधाता, मन में करो प्रवेश जी ॥
"अपरे वाला" बड़ा अज्ञानी , कैसे गाये तेरी बानी ।
"राजू" पर भी किरपा करके, काटो सकल क्लेश जी ॥
श्रेणी : गणेश भजन
MATA BHAJAN | RAJU UTTAM | GANESH JI | ALBUM MAIYA DA FAKEER | KUMAR SANJEEV 2014
"गणपति गोरी जी के नंदन गणेश जी" एक सुंदर गणेश भजन है, जो भगवान गणेश की महिमा का गान करता है और उनकी कृपा की प्रार्थना करता है। इस भजन में भगवान गणेश की विशेषताओं, उनके रूप और शक्ति का वर्णन किया गया है, जिससे हर भक्त का हृदय श्रद्धा और भक्ति से भरा हुआ महसूस होता है।
इस भजन में भगवान गणेश को "गज बदन" (हाथी के सिर वाला) और "मूसे की सवारी" (मूस की सवारी करने वाला) के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो उनके प्रसिद्ध रूप और वाहन का प्रतीक है। भजन में यह भी बताया गया है कि भगवान गणेश रिद्धि-सिद्धि के दाता हैं और बिना उनकी कृपा के कोई भी ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकता।
"हे गजानन, विश्व विधाता" के शब्दों से भगवान गणेश की सभी प्राणियों पर कृपा और संसार के पालनहार के रूप में उनका सम्मान किया गया है। भजन में भक्त की भावना यह है कि भगवान गणेश उनके मन में प्रवेश करें और उन्हें हर संकट और कष्ट से मुक्त करें।
"अपरे वाला" और "राजू" जैसे शब्दों से यह स्पष्ट होता है कि भजन के गायक ने भगवान गणेश से अपनी सभी परेशानियों को दूर करने की प्रार्थना की है और उनकी अनुकंपा के लिए आभार व्यक्त किया है।