करदो करदो माला माल हे
करदो करदो माला माल हे श्री शनि रवि के लाल ॥
कलयुग में है शनि बल है अप्रम पार,
कुन सेहन कर सके तुम्हारी तिर्शी नजर की मार,
काटो काटो दुःख जंजाल,
हे श्री शनि रवि के लाल,
करदो करदो माला माल.....
तुम चाहो तो राजा को भी करदो प्रभु भिखारी,
बिक्शुक भी राजा बन जाये हो जो दया तुम्हारी,
तुमने लाखो किये निहाल,हे श्री शनि रवि के लाल,
करदो करदो माला माल.......
जब तुम रोहणी बेदन करते सुखा पद जाता है,
बारहा साल दरबे न अन्पेदा हो पाता है,
धरती जलती बारहा साल,
हे श्री शनि रवि के लाल,
करदो करदो माला माल.......
हे महाराज शनेचर तुमसे बिनती यही हमरी,
द्रिशिती दया की रखना हे भेरव अवतारी,
रखना हमको सदा खुश हाल,
हे श्री शनि रवि के लाल,
करदो करदो माला माल.......
श्रेणी : शनि देव भजन
Kardo kardo mala maal he shani dev - करदो करदो माला माल हे श्री शनि रवि के लाल
"करदो करदो माला माल हे श्री शनि रवि के लाल" यह भजन एक अत्यंत शक्तिशाली और भावनात्मक प्रार्थना है, जो शनि देव के प्रति श्रद्धा, भय और कृपा की प्रार्थना को दर्शाता है। इस भजन में शनि देव के उस स्वरूप का वर्णन किया गया है जो न्यायप्रिय होते हुए भी कृपालु हैं, जो दुष्टों को दंड देते हैं और भक्तों को कृपा से मालामाल कर देते हैं।
इस भजन की पंक्तियाँ सीधे उस आम व्यक्ति की भावनाओं को छूती हैं जो जीवन की परेशानियों, दुखों और जंजालों से घिरा हुआ है और शनि देव से अपने जीवन को बेहतर बनाने की विनती करता है। "कलयुग में है शनि बल है अप्रम पार," जैसी पंक्तियाँ यह बताती हैं कि कलियुग में सबसे अधिक शक्ति शनि देव के पास है और उनकी दृष्टि से बचना अत्यंत कठिन है। इसलिए भक्त उनसे विनती करता है कि वे कृपा दृष्टि बनाए रखें।
भजन का प्रत्येक अंतरा शनि देव की न्यायशीलता, दया और उनके प्रभाव की महिमा को उजागर करता है। जब कहा जाता है कि "तुम चाहो तो राजा को भी करदो प्रभु भिखारी," तब यह उनकी न्यायिक शक्ति को दर्शाता है। वहीं "धरती जलती बारहा साल," यह बताता है कि उनकी नाराज़गी कितनी कठोर हो सकती है।
अंत में भजन एक करुणा पूर्ण प्रार्थना के रूप में परिवर्तित हो जाता है, जहां गायक शनि देव से हाथ जोड़कर निवेदन करता है कि "दृष्टि दया की रखना हे भैरव अवतारी," यानी हे शनि देव, हमें अपनी क्रूर दृष्टि से बचाकर हमेशा दया दृष्टि से देखें।
यह भजन न केवल एक भक्त की पुकार है, बल्कि शनि देव के प्रति समर्पण, श्रद्धा और उनके न्याय के प्रति सम्मान का सजीव उदाहरण है। इसका गायन मन और आत्मा दोनों को झुका देता है। यह भजन शनि देव के उपासकों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक और शक्तिशाली आराधना का माध्यम है।