म्हारे दुःख में आडो आवे खाटू को बाबा श्याम
म्हारे दुःख में आडो आवे खाटू को बाबा श्याम,
महारी हर पल लाज बचावे खाटू को बाबो श्याम ,
श्याम धनि के सागे माहरी प्रीत पुरानी,
जद भी म्हापे आवे कोई भी परिशानी,
नीले को असवारी फर्याद सुने महारी,
चिंता हरे सारी खाटू को बाबो श्याम ,
श्याम शरण में बैठाया मैं तो मौज उडावा,
श्याम तो है रखवालो फिर क्यों मैं गबरावा,
महान संभाले है संकट यु टाले है महारे सागे चाले है,
खाटू को बाबाओ श्याम
कोई कुछ भी करले माहपे आंच न आवे,
म्हारे सिर पर इकि मोरछड़ी लहरावे,
सोनू कवि महारे विपदा हारे सारी,
यो तीन वान धारी खाटू को बाबो श्याम,
श्रेणी : कृष्ण भजन
म्हारे दुख में आडो आवे खाटू को बाबा श्याम | Mhare Dukh Mein Aade Aave | Kemita Rathore
म्हारे दुःख में आडो आवे खाटू को बाबा श्याम" एक अत्यंत भावुक और श्रद्धा से भरा भजन है, जो खाटू श्याम जी की असीम कृपा, प्रेम और अपने भक्तों के प्रति अपार स्नेह को दर्शाता है। यह भजन उस अटूट विश्वास का प्रतीक है, जो भक्त अपने आराध्य बाबा श्याम पर रखते हैं — कि जब भी जीवन में कोई संकट आता है, जब भी दुःख सामने खड़ा होता है, तब बाबा श्याम स्वयं आकर अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
भजन की पंक्तियाँ एक सजीव अनुभूति देती हैं कि श्याम बाबा केवल मंदिर में नहीं, बल्कि हर उस क्षण में हमारे साथ खड़े होते हैं जब हमें उनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है। "नीले को असवारी फरियाद सुने महारी" जैसे शब्द बताते हैं कि भक्त अपने हर दुख, हर परेशानी को श्याम बाबा के चरणों में अर्पित कर देता है और बाबा भी उसकी चिंता हर लेते हैं।
यह रचना यह भी समझाती है कि श्याम की शरण में आकर जीवन में मौज ही मौज है। जब वो खुद रखवाले हैं, तो डर कैसा? "श्याम तो है रखवालो फिर क्यों मैं गबरावा" — इस एक पंक्ति में भक्त और भगवान के बीच वह आत्मीय रिश्ता नजर आता है, जो भय को मिटा देता है और विश्वास से भर देता है।
भजन के अंत में कवि सोनू जी का यह भाव कि बाबा श्याम त्रिकालदर्शी हैं, संकटहर्ता हैं, और उनके सिर पर मोरछड़ी लहराती है — यह सब इस बात का प्रमाण है कि बाबा श्याम अपने हर भक्त के संकट को हरने वाले देव हैं।
गायिका केमिता राठौर द्वारा प्रस्तुत इस भजन की मधुरता और भावनात्मक गहराई श्रोता को बाबा श्याम के चरणों में खींच लाती है। यह भजन केवल गीत नहीं, बल्कि एक सच्चा भावपूर्ण संवाद है एक भक्त और उसके आराध्य खाटू के बाबा श्याम के बीच।