प्रेम का धागा तुमसे बाँधा ये टूटे ना
प्रेम का धागा तुमसे बाँधा ये टूटे ना,
चाहे जग रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना,
ना धन दौलत ना ही शोहरत ना ही कोई खजाना,
दिल ये चाहे लगा रहे बस दर पे आना जाना,
तार टूटे जो दर से तेरे कभी टूटे ना,
चाहे जग रूठे....
समझ के मुझको अपना तूने पकड़ी मेरी कलाई,
हर रस्ता आसान हुआ फिर बना जो तू हमराही,
जीवन पथ पर साथ तुम्हारा टूटे ना,
चाहे जग रूठे.....
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