जय आद्या शक्ति
जय आद्या शक्ति, माँ जय आद्या शक्ति,
अखंड ब्रह्माण्ड दीपाव्या, पडवे पंडित माँ,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
द्वितीया बेउ स्वरूप, शिवशक्ति जानु,
ब्रह्मा गणपती गाये, हर गाये हर माँ,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
तृतीया त्रण स्वरुप त्रिभुवनमां बेठा,
त्रया थकी तरवेणी, तू तेरवेणी माँ,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
चोथे चतुरा महालक्ष्मी माँ सचराचर व्याप्या,
चार भुजा चौ दिशा, प्रगट्या दक्षिण मां,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
पंचमी पंच ऋषी, पंचमी गुण पदमां,
पंच सहस्त्रा त्यां सोहिये, पंचे तत्वो मां,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
षष्ठी तुं नारायणी महिसासुर मारयो,
नर नारीने रुपे व्याप्या सघले माँ,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
सप्तमी सप्त पाताल संध्या सावित्री,
गौ गंगा गायत्री, गौरी गीता माँ,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
अष्टमी अष्ट भुजा आई आनंदा,
सुनीवर मुनीवर जन्म्या, देवो दैत्यो मां,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
नवमी नवगुण नाग सेवे नवदुर्गा,
नवरात्रीना पूजन, शिवरात्रीना अर्चन,
कीधा हर ब्रह्मा,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
दसमे दस अवतार जय विजयादशमी,
रामे रावण मार्या, रावण रोड्यो माँ,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
एकादशी अगीयारस कात्यायनी कामा,
काम दुर्गा कालिका, श्यामा ने रामा,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
बारशे बाला रूप बहुचरी अम्बा माँ,
बटुक भैरव सोहिये, काल भैरव सोहिये,
तारा छे तुजमां,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
तेरशे तुलजा रूप तू तारुणि माँता,
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, गुण तारा गाता,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
चौदशे चौदा रूप चंडी चामुंडा,
भावभक्ति कयीं आपो, चतुराई कयीं आपो,
सिंहवाहिनी माँ,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
पूनमे कुम्भ भयो सांभल जेा करुणा,
वसिष्ठ देवे वखाण्या, मार्तण्ड मुनिये वखाण्या,
गाये शुभकविता,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
संवत सोल सतावन सोलशे बावीश मां,
संवत सोलमां प्रगट्यां, रेवा ने तीरे,
माँ गंगाने तीरे,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
अंबावटी नगरी माँ रुपावटी नगरी,
माँ मंचावटी नगरी,
सोळ सहस्त्र त्यां सोहिये, क्षमा करो गौरी,
माँ दया करो गौरी,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
शिवशक्ति नि आरती जे कोई गाशे,
भणे शिवानंद स्वामी, भणे अम्बा मानो बालक,
सुख संपति पाशे, हर कैलाशे जाशे, माँ अम्बा दुख हरशे,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
एकमे एक स्वरुप, अंतर नव धरशो,
भोला रानदल ने भजता, भवसागर तरशो,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
भाव न जानु, भक्ति न जानु, नव जानु सेवा,
वल्लभ भट्ट्ने आपि, एवो अमने आपो,
चरणोंनी सेवा,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
माँ नी चुंदड़ी लाल गुलाबी शोभा अतिभारी,
आँगन कुकड़ नाचे, जय बहुचर वाली,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
माँ नो मंडप लाल गुलाबी शोभा अतिसारी,
उड़े अबील गुलाल, जय बहुचर वाली,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
जय आद्या शक्ति, माँ जय आद्या शक्ति,
अखंड ब्रह्माण्ड दीपाव्या, अखंड ब्रह्माण्ड दीपाव्या,
पडवे पंडित माँ,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे,
यह भी देखें : गोगा चालीसा
श्रेणी : आरती संग्रह ( दुर्गा माता आरती )
जय आद्या शक्ति लिरिक्स, Jay Adhya Shakti Lyrics, Durga Mata Aarti, Song By Ratansinh Vaghela
यह भजन "जय आद्या शक्ति" देवी दुर्गा की महिमा का गुणगान करने वाला एक अत्यंत भव्य और प्रसिद्ध भजन है, जो माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों और शक्तियों का वर्णन करता है। इसे रतनसिंह वाघेला द्वारा गाया गया है। इस भजन में देवी दुर्गा के अलग-अलग रूपों का बखान किया गया है, जैसे कि उनकी चमत्कारी शक्तियाँ, उनका ब्रह्मांड व्यापी रूप, और उनके द्वारा सृजित अन्य रूप जैसे महालक्ष्मी, महाकाली, चंडी, आदि।
यह भजन हर देवी के स्वरूप को विस्तार से दर्शाता है, जैसे द्वितीया रूप में शिवशक्ति, तृतीया रूप में त्रिभुवनमाँ, और पंचमी रूप में पंच ऋषि व पंच तत्वों की महिमा। हर श्लोक में देवी दुर्गा के रूप, उनके गुण, उनके प्रभाव और उनकी महिमा का गुणगान किया जाता है। इसमें हर एक रूप को आदर और श्रद्धा से उल्लेख किया गया है, जो श्रद्धालुओं के दिलों में देवी के प्रति अटूट विश्वास और प्रेम को बढ़ावा देता है।
भजन की शुरुआत "जय आद्या शक्ति" से होती है, जो माँ की शक्ति और सार्वभौमिक रूप का प्रतीक है। यह भजन एक प्रकार से भक्तों को यह याद दिलाता है कि देवी दुर्गा का हर रूप विश्व के प्रत्येक तत्व में विद्यमान है और वह अपने भक्तों की रक्षा करती हैं।
इस भजन का उद्देश्य भक्तों को देवी की भक्ति और पूजा के महत्व के बारे में जागरूक करना है और उन्हें आत्मशक्ति की ओर प्रेरित करना है। यह भजन न केवल धार्मिक अनुभव को गहरा करता है, बल्कि श्रद्धा और भक्ति में भी वृद्धि करता है।