सब मिलके अयोध्या आयेंगे
सब मिलके अयोध्या आयेंगे,
और मंदिर वही बनायेंगे,
मेरे देश के मुस्लिम भाई हैं,
सठ निबहंगे,
सब मिलके अयोध्या आयेंगे,
और मंदिर वही बनायेंगे,
हिंदू मुस्लिम सिख इसाय,,
हम सब भारत वासी है,
ख़ुशी है सबके चेहेरे पार,
ना दिल में कोई उडसी है,
भई चारे का दुइया को,
हम अब नया पथ पडेंगे,
सब मिलके अयोध्या आयेंगे,
और मंदिर वही बनायेंगे,
मुस्लिम बेहेन भी अब,
मोदी मोदी कार्ति है,
तेन तल्ख भइ हत दीया,
तेरे नाम का हाय दम भारती है,
कश्मीर वाले भई अब तो,
गीत कुशी के गेंगे,
सब मिलके अयोध्या आयेंगे,
और मंदिर वाही बनायेंगे,
भारत देश हमरे का,
दुिनया मे उचा नाम हुआ,
सत्त सल मीन जो न होई,
मोदी राज में मैं कौन हूं,
फौजी सुरेश भाई चंचल के,
संग में संगी बाजेगें,
सब मिलके अयोध्या आयेंगे,
और मंदिर वही बनायेंगे,
श्रेणी : राम भजन

"सब मिलके अयोध्या आयेंगे" एक अत्यंत उत्साहपूर्ण और एकता से ओत-प्रोत राम भजन है, जो न केवल धार्मिक भावना को प्रकट करता है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता, भाईचारे और समर्पण को भी दर्शाता है। यह भजन अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण की खुशी को व्यक्त करता है और इसमें भारत के हर वर्ग, धर्म और समुदाय के बीच प्रेम, सहयोग और सामूहिक उल्लास की भावना दिखाई देती है।
भजन में प्रमुख संदेश यह है कि राम मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि पूरे देशवासियों की आस्था, आत्मा और सामूहिक भावना का प्रतीक है। पंक्तियों जैसे "सब मिलके अयोध्या आयेंगे, और मंदिर वही बनायेंगे" से स्पष्ट होता है कि यह कार्य केवल किसी एक समुदाय का नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष का सपना है, जिसे मिलकर साकार किया जा रहा है।
भजन में मुस्लिम भाई-बहनों के प्रति सम्मान और उनके सहयोग का उल्लेख करते हुए यह भी दर्शाया गया है कि अब देश धार्मिक मतभेदों से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में एकजुट हो गया है। यह सच्चे भारत की तस्वीर पेश करता है, जिसमें सभी धर्मों के लोग — हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई — साथ मिलकर भाईचारे की मिसाल कायम कर रहे हैं।
इस भजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की भी सराहना की गई है, यह दर्शाने के लिए कि उनके शासनकाल में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए, जिनमें श्रीराम मंदिर निर्माण प्रमुख है। "मोदी मोदी कार्ति है", जैसी पंक्तियों से यह भाव उभरता है कि अब हर वर्ग की भावनाएं इस पावन कार्य से जुड़ गई हैं।
भजन का अंत भारत की प्रतिष्ठा और गौरव को उजागर करता है, जिसमें कहा गया है कि आज भारत का नाम दुनिया में ऊँचा हो गया है, और हर कोई अपने-अपने स्तर पर इस ऐतिहासिक क्षण का भागीदार बन रहा है।
यह भजन केवल एक गीत नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक पुनर्जागरण और धार्मिक सौहार्द्र का प्रतीक बनकर उभरता है। इसकी रचना जनभावना, श्रद्धा और आत्मीयता से भरी हुई है, जो प्रत्येक भारतीय को प्रेरित करती है कि वह प्रेम, सहयोग और भक्ति के साथ इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बने।