छम छम बाजे देखो राधे की पायलिया
तर्ज - छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना
छम छम बाजे देखो, राधे की पायलिया,
छम छम बाजे देखो, राधे की पायलिया,
राधे का दीवाना हैं - २, श्याम सांवलिया,
छम छम बाजे देखो, राधे की पायलिया - २
श्याम श्याम राधेश्याम, श्याम श्याम राधेश्याम, - २
रोज रोज कान्हा देखो, मुरली बजावे - २
मुरली की धुन पे, राधा को नचावे - २
राधा संग नाचता हैं - २, श्याम सांवलिया,
छम छम बाजे देखो, राधे की पायलिया - २
श्याम श्याम राधेश्याम, श्याम श्याम राधेश्याम, - २
नाच नाच कर राधा, श्याम को रिझावे - २
राधा जी के मन को तो, श्याम ही भावे - २
राधा जी के मन में हैं - २, श्याम सांवलिया,
छम छम बाजे देखो, राधे की पायलिया - २
श्याम श्याम राधेश्याम, श्याम श्याम राधेश्याम, - २
जहा जहा जाए राधा, श्याम वही जाए - २
राधा के बिना श्याम, रह नहीं पाए - २
राधा के बिना हैं आधा - २, श्याम सांवलिया,
छम छम बाजे देखो, राधे की पायलिया - २
श्याम श्याम राधेश्याम, श्याम श्याम राधेश्याम, - २
Lyrics - Jay Prakash Verma, Indore
श्रेणी : कृष्ण भजन
यह कृष्ण भजन राधा–कृष्ण के अलौकिक प्रेम, माधुर्य और रासलीला के आनंदमय भाव को सुंदर रूप में प्रस्तुत करता है। इस भजन के गीतकार जय प्रकाश वर्मा (इंदौर) हैं। भजन में राधा की पायल की छम-छम ध्वनि के माध्यम से वृंदावन के रसमय वातावरण का चित्रण किया गया है, जहाँ श्याम राधा के प्रेम में पूर्णतः लीन दिखाई देते हैं। मुरली की मधुर तान पर राधा का नृत्य और श्याम का उस पर मुग्ध होना, दोनों के अटूट प्रेम को दर्शाता है। “राधा के बिना हैं आधा श्याम सांवलिया” पंक्ति यह भाव प्रकट करती है कि राधा और कृष्ण एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं। यह भजन श्रोता के हृदय में प्रेम, भक्ति और आनंद का संचार करता है तथा राधा–कृष्ण की दिव्य लीला में मन को डुबो देता है।
राधे राधे 🙏🙏
ReplyDeleteधन्यवाद हर्षित जी,