जरा इतना बता दे कान्हा
ज़रा इतना बता दे कान्हा, तेरा रंग काला क्यों,
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों॥
मैंने काली रात को जन्म लिया,
और काली गाय का दूध पीया,
मेरी कमली भी काली है,
इस लिए काला हूँ,
ज़रा इतना बता दे….
सखी रोज़ ही घर में बुलाती है,
और माखन बहुत खिलाती है,
सखिओं का भी दिल काला,
इस लिए काला हूँ,
ज़रा इतना बता दे….
मैंने काली नाग पर नाच किया,
और काली नाग को नाथ लिया,
नागों का रंग काला,
इस लिए काला हूँ,
ज़रा इतना बता दे….
सावन में बिजली कड़कती है,
बादल भी बहुत बरसतें है,
बादल का रंग काला,
इसलिए काला हूँ,
ज़रा इतना बता दे….
सखी नयनों में कजरा लगाती है,
और नयनों में मुझे बिठाती है,
कजरे का रंग काला,
इसलिए काला हूँ,
ज़रा इतना बता दे कान्हा....
श्रेणी : कृष्ण भजन
जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यूँ | Jara Itna Bata De Kanha | Upasana Mehta |Krishna Bhajan
"ज़रा इतना बता दे कान्हा" एक बेहद प्यारा और लोकप्रिय कृष्ण भजन है, जिसमें भक्त अपनी श्रद्धा और प्रेम के साथ भगवान श्री कृष्ण से एक सवाल पूछते हैं। भजन में भगवान कृष्ण के रंग को लेकर एक दिलचस्प और प्यारी सी बात की गई है।
इस भजन में भक्त भगवान कृष्ण से पूछते हैं कि उनका रंग काला क्यों है। वे इसे विभिन्न दृष्टिकोणों से समझाते हैं। पहला शेर कहता है कि भगवान कृष्ण का जन्म काली रात में हुआ था और उन्होंने काली गाय का दूध पिया था, इस कारण उनका रंग काला है।
दूसरे शेर में भक्त कृष्ण के साथ अपनी सखी की बात करते हैं, जो उन्हें माखन खिलाती है, और सखियों का भी दिल काला है, जिससे यह सवाल उठता है कि कृष्ण काले हैं।
तीसरे शेर में, कृष्ण द्वारा काले नाग पर नृत्य करने का उल्लेख किया गया है। इस नृत्य को उन्होंने अपनी शक्ति और नियंत्रण के रूप में दर्शाया, और नाग का रंग काला होने के कारण, वे भी काले हैं।
चौथे शेर में भक्त कृष्ण के साथ मौसम के बदलावों को जोड़ते हैं, जैसे सावन में बिजली कड़कती है और बादल बरसते हैं, जो काले होते हैं, और इसीलिए कृष्ण का रंग भी काला है।
अंतिम शेर में कृष्ण की सखी द्वारा नयनों में काजल लगाने की बात की जाती है, जिसका रंग काला होता है, और इसी कारण कृष्ण का रंग काला बताया जाता है।
sweet
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