भोले डमरु बजा दो एक बार
भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
कीर्तन में हरी कीर्तन में.....
शीश भोले के जटा विराजे,
भोले गंगा बहा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में....
संग भोले के गोरा विराजे,
ओ भोले गणपति बुला दो आज हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में....
कान भोले के कुंडल सोहे,
भोले चंदा चमका दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में.....
गले भोले के सर्पो की माला,
भोले फुल बरसादो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में....
अंग भोले के मृगछाला सोहे,
भोले भस्मी उड़ा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में....
चरणों में भोले के नंदी विराजे,
भोले घुघरू बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में....
ब्रह्मा को ले लाओ विष्णु को ले लाओ,
भोले दर्श दिखा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में....
श्रेणी : शिव भजन
शिव भजन | भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में | Bhole Damru Baja Do | Bholenath Bhajan
यह भजन "भोले डमरु बजा दो एक बार" एक अत्यंत भक्तिपूर्ण और भावनात्मक शिव भजन है, जो भगवान शिव की महिमा और भक्ति को प्रकट करता है। इस भजन में भोलेनाथ की शक्ति, उनके गहनों, उनकी गंगा, उनके सुंदर रूप और उनके साथ जुड़ी विभिन्न बातों का विस्तार से वर्णन किया गया है।
भजन के पहले पंक्तियों में भक्त भगवान शिव से अनुरोध करते हैं कि वे अपनी डमरू बजाएं और उनकी भक्ति में संलग्न हों। इसके बाद, भोलेनाथ की जटाओं, उनके कानों में पहने गए कुंडल, उनके गले में सर्पों की माला, और उनकी तन पर उड़ी हुई भस्म का वर्णन किया गया है। हर पंक्ति में उनके विभिन्न रूपों और लक्षणों का जिक्र किया गया है, जैसे गंगा का बहना, नंदी का उनके चरणों में विराजना, और भगवान गणेश का बुलाना।
यह भजन शिव भक्तों के लिए एक प्रकार की आशीर्वाद प्राप्ति का माध्यम है, जिसमें भक्त भोलेनाथ से उनकी कृपा और आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं। हर पंक्ति के साथ भक्ति का गहरा भाव जुड़ा हुआ है, जिससे भजन सुनने वाला भक्त आस्था और प्रेम से ओत-प्रोत हो जाता है।
इस भजन को सुनकर भक्तों का मन आत्मिक शांति और संतुष्टि से भर जाता है, और यह शिव भक्ति की एक उत्कृष्ट मिसाल प्रस्तुत करता है।