आन पड़ा मैं शरण आपकी
आन पड़ा मैं शरण आपकी, जग के पालनहार,
कन्हैया देना अपना प्यार,
साँवरिया देना अपना प्यार ।।
तेरे बिना जीना क्या जीना,
तेरा पावन नाम नगीना,
तेरे नाम बिन रहे अधूरा, जीवन का श्रृंगार ।।
साँवरिया देना अपना प्यार.....
तेरी पूजा और आराधन,
जग का सुख मुक्ति का साधन,
सदा तुम्हारा नाम उचारे, मन वीणा के तार ।।
साँवरिया देना अपना प्यार.....
नामुमकिन को मुमकिन कर दे,
दुनिया के सुख हाथ पे धर दे,
पता नहीं तूं कहाँ से क्या दे, तेरे हाथ हजार ।।
साँवरिया देना अपना प्यार.....
पारसमणि चौखट तेरे दर की,
किस्मत हो सोना उस नर की,
जिसका माथा इस चौखट को, छू लेता इक बार ।।
साँवरिया देना अपना प्यार.....
जब तूं अपनी दया बिखेरे,
जीवन में भरे रंग सुनहरे,
खुशियां नाचें घर-आंगन में, मन गाये मल्हार ।।
साँवरिया देना अपना प्यार.....
रहे हॄदय में वास तुम्हारा,
मन्दिर सा जग लगे ये सारा,
'गजेसिंह' जहाँ देखे आये, नजर श्याम दातार ।।
साँवरिया देना अपना प्यार.....
श्री गजेसिंह तँवर द्वारा सुप्रसिद्ध भजन
'जहाँ बिराजे राधा रानी,
अलबेली सरकार, कन्हैया
ले चल परली पार' की तर्ज़ पर आधारित
अनुपम रचना ।
श्रेणी : कृष्ण भजन