मैं हार गया जग से अब तेरा सहारा है
मैं हार गया जग से अब तुमको पुकारा है
दुनिया से सुना है तू हारे का सहारा है
हारे का सहारा है ..........
मैं हार गया जग से............
मैं रात अमावस की तुम सुख का सवेरा हो
तेरे बिन सुनता नहीं कोई दुःख मेरा हो
कोई दुःख मेरा हो ..........
तू सुनता है सबकी मुझसे क्यों किनारा है
दुनिया से सुना है तू हारे का सहारा है
हारे का सहारा है ..........
मैं हार गया जग से............
ये कैसा भंधन है ये कैसा नाता है
हर पल तू यादों में आता और जाता है
आता और जाता है ..........
तेरी सांवरी सूरत को अब मन में उतारा है
दुनिया से सुना है तू हारे का सहारा है
हारे का सहारा है ..........
मैं हार गया जग से............
दुनिया की खा ठोकर दर तेरे आया हूँ
सर पर अब हाथ धरो मैं बहुत सताया हूँ
मैं बहुत सताया हूँ ...........
प्रवीण का तेरे बिन पल भर ना गुज़ारा है
सनी का तेरे बिन पल भर ना गुज़ारा है
दुनिया से सुना है तू हारे का सहारा है
हारे का सहारा है ..........
मैं हार गया जग से............
श्रेणी : खाटू श्याम भजन