सांवरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना है,
मेरे सांवरे से मिलने का,
मथुरा में ढूँढा तुझे, गोकुल में पाया है,
वृन्दावन की गलियों में, मेरे श्याम का ठिकाना है,
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
बाग़ों में ढूँढा तुझे, फूलों मे पाया है,
मोगरे की कलियोँ में, मेरे श्याम का ठिकाना है,
साँवरे से मिलने का, सतसंग ही बहाना है,
सखियों ने ढूँढा तुझे, गोपियों ने पाया है,
राधा जी के हृदय में, मेरे श्याम का ठीकाना है,
साँवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
राधा ने ढूँढा तुझे, मीरा ने पाया है,
मैंने तुझे पा ही लिया, मेरे दिल में ठिकाना है,
साँवरे से मिलने का, सतसंग ही बहाना है,
महलों मे ढूँढा तुझे, झोपड़ी में पाया है,
सुदामा की कुटियाँ में, मेरे श्याम का बसेरा है,
साँवरे से मिलने का, सत्सङ्ग ही बहाना है,
मीरां पुकार रही, आओ मेरे गिरधारी,
विष भरे प्याले को, तुम्हें अमृत बनाना है,
साँवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना है,
साँवरे से मिलने का, सतसंग ही बहाना है,
श्रेणी : कृष्ण भजन